नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। देशभर के ऐसे कई विश्वविद्यालय हैं जिन्होंने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) प्रक्रिया के लिए अभी तक स्वयं को पंजीकृत नहीं किया है। बावजूद इसके ये विश्वविद्यालय भी सीयूईटी स्कोर का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका सीधा अर्थ यह है कि सीयूईटी के लिए एनटीए के साथ पंजीकृत न होने के बावजूद विश्वविद्यालय चाहे तो सीयूईटी परीक्षा के बाद अंडर ग्रेजुएट एडमिशन के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।
बीते वर्ष यह परीक्षा पहली बार आयोजित की गई थी। 14.9 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण कराया था। 450 केंद्रों में 5 सप्ताह में परीक्षा आयोजित की गई थी। वहीं इस वर्ष इस परीक्षा में पहले से भी अधिक यानी कि 15 लाख से भी ज्यादा छात्रों के शामिल होने का अनुमान है। यही कारण है कि परीक्षा आयोजित करवाने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस वर्ष परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी से भी अधिक, लगभग 1000 कर दी है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का अनुमान है कि बेहद उदार प्रक्रिया होने के कारण इस वर्ष लगभग 200 से अधिक विश्वविद्यालय सीयूईटी स्कोर के आधार पर अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले देंगे। बीते वर्ष कुल मिलाकर 89 विश्वविद्यालयों ने सीयूईटी को लागू किया था। इस वर्ष अभी तक 168 विश्वविद्यालयों ने सीयूईटी को अपनी स्वीकृति प्रदान की है। यूजीसी का मानना है कि जहां सीयूईटी से छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं नहीं देनी पड़ेगी। वहीं विभिन्न विश्वविद्यालय भी अपने स्तर पर अलग-अलग प्रवेश प्रक्रियाओं को आयोजित करने की परेशानी से बच सकते हैं।
यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के मुताबिक सीयूईटी लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र का प्रतिनिधित्व अब विश्वविद्यालयों में बढ रहा है। छात्रों को कॉलेजों में दाखिले के लिए अब बारहवीं कक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की चिंता नहीं है। 12वीं की परीक्षा में केवल 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र भी सीयूईटी देकर विश्वविद्यालयों में दाखिला सुनिश्चित कर सकते हैं।
सीयूईटी सिलेबस को लेकर भी यूजीसी का स्पष्ट रूख है। यूजीसी का कहना है कि सीयूईटी यूजी का सिलेबस 12वीं कक्षा तक सीमित किया जा रहा है। ऐसे में छात्रों को सिलेबस संबंधी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। क्योंकि सीयूईटी के लिए आवेदन कर रहे अधिकांश छात्र अभी 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, इसलिए यह सिलेबस उनके दिमाग में ताजा है। यूजीसी चेयरमैन के मुताबिक यदि छात्र बोर्ड परीक्षा पर ध्यान केंद्रित कर बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो इतना ही सीयूईटी में अच्छा स्कोर करने के लिए भी पर्याप्त है।
विश्वविद्यालयों में प्रथम वर्ष का शैक्षणिक सत्र अपने नियत समय पर शुरू हो और इसमें कोई विलंब नहीं होना चाहिए। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी इस बात पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं। यूजीसी के मुताबिक देशभर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रथम वर्ष का शैक्षणिक सत्र अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष छात्रों को सीयूईटी की कई परीक्षाओं में तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा था। तकनीकी खराबी के कारण कई परीक्षाएं रद्द हुई। रद्द की गई परीक्षाओं को बाद में दोबारा करवाया गया जिससे पूरी प्रक्रिया में अच्छा खासा विलंब हुआ। इसके कारण प्रवेश प्रक्रिया में भी काफी देरी हुई थी। यूजीसी का कहना है कि पिछले वर्ष हम कोविड से उबर रहे थे। इस बार हमने काफी पहले ही सीयूईटी की घोषणा करते हुए छात्रों को सूचित कर दिया था कि परीक्षाएं 21 मई से 31 मई तक होंगी और शैक्षणिक सत्र 1 अगस्त से शुरू होगा। यूजीसी का कहना है कि इस कार्यक्रम में अब इस साल कोई विलंब नहीं होगा।
इस वर्ष सीयूईटी यूजी के आवेदन की समय सीमा 12 मार्च थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 मार्च कर दिया गया है। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के मुताबिक अब 30 मार्च तक छात्र सीयूईटी यूजी के लिए आवेदन कर सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 अप्रैल को छात्रों को उनके परीक्षा केंद्रों की जानकारी दे दी जाएगी। इसी तरह छात्र 30 मार्च तक जमा किए गए अपने आवेदनों में आवश्यकता होने पर छात्र 1 से 3 अप्रैल के बीच इसमें सुधार कर सकेंगे।
–आईएएनएस
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