नई दिल्ली, 23 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान सीवोटर द्वारा किए गए विशेष स्नैप पोल की एक श्रंखला से पता चलता है कि चीन के साथ शत्रुता के दौरान अमेरिकी मदद को लेकर भारतीयों की राय विभाजित है।
गत 22 जून को 4,409 लोगों के बीच किए गए सर्वेक्षण में पूछे गए प्रश्नों में से एक था: क्या आपको लगता है कि अमेरिका ने चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने में अब तक भारत की मदद की है?
प्रत्येक 10 उत्तरदाताओं में से चार से अधिक की राय है कि अमेरिका ने भारत की बिल्कुल भी मदद नहीं की है। जबकि 10 में से तीन से कुछ अधिक को लगता है कि अमेरिका ने कुछ हद तक भारत की मदद की है। इसके अलावा कुछ लोगों ने दावा किया कि अमेरिका ने वास्तव में सीमा विवाद और चीन के साथ संघर्ष के दौरान भारत की मदद की है।
भारत और चीन के बीच अनसुलझा सीमा विवाद अक्सर गतिरोध और सैन्य टकराव की स्थिति पैदा करता है। जून 2020 में यह विवाद लद्दाख में हिंसक और खूनी हो गया जब गलवान में भारतीय तथा चीनी सैनिकों के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए जबकि अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक मारे गए।
तब से, दोनों ओर से 50,000 से अधिक सैनिक लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में आमने-सामने हैं।
पीएम मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा का एक प्रमुख बिंदु महत्वपूर्ण भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खतरे को रोकने के लिए एक मजबूत साझेदारी बनाना है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने और पीएम मोदी के बीच औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त घोषणा में सीधे तौर पर चीन का नाम लिए बिना वैश्विक व्यापार और सर्वांगीण समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत को सुरक्षित रखने के महत्व पर जोर दिया गया।
हालांकि, जैसा कि सीवोटर स्नैप पोल के नतीजे बताते हैं, भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा यह मानता है कि अमेरिका भारत की मदद नहीं कर रहा है।
–आईएएनएस
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