मुंबई, 11 मई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस ने गुरुवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया है कि भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और सत्ता हथियाने के लिए वह किसी भी हद तक गिर सकती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने में (तत्कालीन) राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की हर कार्रवाई सहित विभिन्न बातों पर गंभीर टिप्पणी की है। हम लगातार यह कहते रहे हैं कि भाजपा ने हमारी सरकार को गिराने के लिए राजभवन का दुरुपयोग किया।
पटोले ने मौजूदा सरकार को अवैध तथा असंवैधानिक करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राज्य की सत्तारूढ़ सरकार पर करारा तमाचा बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और स्पीकर राहुल नरवेकर को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि एमवीए सरकार को गिराने के लिए न केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजभवन, बल्कि अन्य एजेंसियों का भी दुरुपयोग किया और अब वे सारे फैसले गलत साबित हो रहे हैं।
पटोले ने कहा, फैसला सुनाते समय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों से यह स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा ने लोकतंत्र से किनारा कर लिया है। यह खतरनाक है और वे सत्ता हथियाने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।
उन्होंने दोहराया कि केंद्रीय एजेंसियां और अन्य संवैधानिक कार्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सत्ता की भूखी भाजपा सरकार की कठपुतली बन गए हैं, और यह लोकतंत्र और संविधान के लिए एक वास्तविक खतरा है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा कि जिस तरह से स्पीकर (राहुल नरवेकर) सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उससे लगता है कि वह निष्पक्ष नहीं हैं, बल्कि एक पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि पूर्व राज्यपाल आरएसएस के कार्यकर्ता बने रहे जिन्होंने अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई और महाराष्ट्र की जनता सत्ता के लालच में राजनीति करने के लिए भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी।
शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने के लिए अध्यक्ष (नरवेकर) के अधिकार पर, पटोले ने कहा, उनसे निष्पक्ष तरीके से फैसला करने की उम्मीद की जा रही है।
पटोले ने कहा, भले ही शिंदे-फडणवीस सरकार को अस्थायी राहत मिल गई है और अब तकनीकी आधार पर बनी हुई है, सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियां चिंताजनक हैं क्योंकि इस शासन को वास्तव में अवैध और असंवैधानिक घोषित किया गया है।
–आईएएनएस
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