दौसा, 3 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से दौसा से सांसद मुरारी लाल मीणा नाराज हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अभी दो दिनों पूर्व एसटी-एससी के कोटे में कोटा के बंटवारे को लेकर फैसला आया है।
मैं उस फैसले से बिल्कुल असहमत हूं। वह फैसला संवैधानिक नहीं है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और एसटी-एससी के पैरामीटर अलग हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से एससी-एसटी समाज में काफी रोष है।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से लगता है कि सरकार ने इसकी पैरवी नहीं की। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार एससी-एसटी का आरक्षण खत्म करना चाहती है। एससी को एसटी से लड़वाना चाहती है। कलह पैदा करना की मंशा लग रही है। मीणा ने चेतवानी दी है कि अगर समय रहते वह नहीं संभले तो देशभर में एक बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि एसटी को आरक्षण जाति के आधार पर नहीं मिला है। बल्कि, उसके सामाजिक परिवेश की वजह से आरक्षण मिला है।
मुरारी लाल मीणा ने कहा कि ऐसा लगता है कि एसटी-एससी का आरक्षण खत्म कर इसे ईडब्ल्यूएस और ओबीसी को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज देश में आरक्षित वर्ग की संख्या 25% के आसपास है और सरकारी नौकरियों में मात्र 15% के आसपास ही पद भरे हुए हैं। मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति भी इस बात की पक्षधर है जो बात मैंने 8 दिन पहले बताई थी कि जैसे सिविल सेवा की परीक्षाएं होती है। वैसे न्यायिक सेवा में भी परीक्षाएं लागू होना चाहिए।
बता दें कि एससी-एसटी समाज से आने वाले जितने भी राजनीतिक दल हैं, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि कोर्ट का फैसला एससी-एसटी समाज को बांटने का काम करेगा।
–आईएएनएस
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