नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईडी को पश्चिम बंगाल में कथित कोयला मामले में तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) वापस लेने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दंपति एक सप्ताह पहले जांच एजेंसी को सूचित करके विदेश यात्रा कर सकते हैं।
अदालत ने निर्देश दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विदेश यात्रा के लिए पूर्व आवेदन पर दंपती को “आवश्यक आदेश” जारी करेगा।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, “यदि याचिकाकर्ता एक सप्ताह पहले सूचित करता है, तो आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे। हर हाल में एलओसी वापस ले लिया जाएगा।”
सुनवाई के दौरान ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने शीर्ष अदालत को बताया कि उन्होंने दोनों की पिछली विदेश यात्रा के विवरण वाली एक सूची सौंपी है और तर्क दिया है कि यात्रा की अनुमति समय-समय पर दी गई है।
हालाँकि, पीठ ने कहा, “आपराधिक मामलों में, अभियोजन पक्ष को उचित संदेह से परे मामले को साबित करना होगा… आप एलओसी वापस लें।”
अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी ने ईडी पर जानबूझकर और अनावश्यक रूप से उनकी विदेश यात्रा में बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में तर्क दिया गया कि पश्चिम बंगाल में कथित कोयला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच काफी समय से चल रही है, इसके बावजूद केंद्रीय एजेंसी ने पहले कभी उनकी विदेश यात्रा पर आपत्ति नहीं जताई थी।
हालाँकि, 5 जून को उन्हें दुबई जाने वाली उड़ान में चढ़ने से पहले कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आव्रजन विभाग द्वारा कथित तौर पर रोक दिया गया था। आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया कि ईडी द्वारा उनके खिलाफ जारी किए गए “लुक आउट नोटिस” के बाद उन्हें रोका गया था।
उसी दिन, उन्हें पश्चिम बंगाल में कथित कोयला मामले के संबंध में पूछताछ के लिए केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए ईडी द्वारा नोटिस दिया गया था।
उस समय, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें हवाई अड्डे पर रोके जाने की घटना को केंद्र सरकार और भाजपा की ओर से राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित कार्रवाई बताया था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तब कहा था, “सुप्रीम कोर्ट ने उनके विदेशी दौरों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। शीर्ष अदालत ने उनसे केवल देश से बाहर जाने से पहले एक बार ईडी को सूचित करने के लिए कहा था। और उन्होंने अपने निर्धारित दौरे के बारे में ईडी को पहले ही सूचित कर दिया था। ईडी के अधिकारी उसी समय उनसे विदेश यात्रा न करने के लिए सकते थे। लेकिन ऐसा करने की बजाय, उन्हें आज सुबह फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया और उसी दिन नोटिस भी जारी कर दिया गया। यह एक अमानवीय कृत्य है।”
–आईएएनएस
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