नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस) । सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें मतदाताओं को आपराधिक इतिहास वाले उम्मीदवारों की पहचान करने में मदद करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर हथकड़ी के निशान लगाने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने व्यक्तिगत रूप से पेश हुए जनहित याचिका वादी से कहा, “हम उन्हें (भारत के चुनाव आयोग को) हथकड़ी का चिह्न लगाने के लिए नहीं कह सकते।”
पीठ ने कहा, “आप इसे वापस ले सकते हैं और आपके पास जो भी उपाय हैं, उन्हें आगे बढ़ा सकते हैं।”
याचिकाकर्ता को कानून में स्वीकार्य “प्रशासनिक उपाय” तलाशने की छूट देते हुए शीर्ष अदालत ने याचिका को वापस ले लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया।
अपने आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज किया कि याचिका में उठाई गई प्रार्थनाओं ने एक “नीतिगत मुद्दा” उठाया है और इसलिए, वह जनहित याचिका पर विचार नहीं कर सकता।
नागपुर के एक वकील द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि ‘हथकड़ी’ चिन्ह लगाने से मतदाता को मतदान के समय आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की सही पहचान करने में मदद मिलेगी, क्योंकि ऐसी जानकारी मतदाता के सूचना के अधिकार का हिस्सा है, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद19(1)(ए) के तहत दी गई गारंटी है।
–आईएएनएस
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