नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुरक्षा और निजता संबंधी चिंताओं को लेकर जूम एप्लिकेशन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका को बंद कर दिया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने तर्क दिया कि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आवेदन के उपयोग में कुछ भी गलत नहीं पाया है।
दातार ने आगे तर्क दिया कि कई लोग जूम का उपयोग करते हैं और इसके खिलाफ याचिका नहीं टिकती है। उन्होंने बताया कि संबंधित मंत्रालय ने कहा कि जूम का उपयोग करने में कुछ भी गलत नहीं है, और पूछा कि केवल हमें ही टारगेट क्यों और वेबएक्स आदि को क्यों नहीं? याचिका हर्ष चुग द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने आधिकारिक और व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए जूम के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि सॉफ्टवेयर कई गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं को जन्म देता है।
दातार की दलीलों को सुनने के बाद, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने मामले में कार्यवाही बंद कर दी। शीर्ष अदालत ने मामले में अतिरिक्त दस्तावेज रखने के लिए हस्तक्षेप आवेदन पर विचार करने से भी इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि सरकार ने कुछ अधिसूचनाएं जारी की थीं कि जूम का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए और सरकार को अब यह कहना चाहिए कि जूम का उपयोग करना अच्छा है।
पीठ ने कहा कि उसने जूम, वीसी प्लेटफॉर्म की सुरक्षा विशेषताओं के संबंध में दिसंबर 2020 में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय की बैठक पर विचार किया है और इस दस्तावेज के मद्देनजर याचिका में कुछ भी नहीं बचा है। याचिका में सरकार से ऐप के इस्तेमाल से होने वाले सुरक्षा खतरों का विस्तृत तकनीकी अध्ययन करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था।
–आईएएनएस
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