नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने केस डायरी की जांच किए बिना जमानत दे दी थी, जिसके बाद जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
20 जनवरी के अपने आदेश में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी “आकस्मिक (कैज़ुअल) और लापरवाह तरीके से की गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाले आईसीआईसीआई बैंक ने 2009 से 2018 तक नियामक मानदंडों की घोर अवहेलना करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण मंजूर किए।
सीबीआई ने 3,250 करोड़ के लोन धोखाधड़ी में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत, न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को आरोपी बनाया था। 71 वर्षीय धूत को जांच में सहयोग न करने के आरोप में 26 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।