नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिकाओं में मुख्य याचिकाकर्ताओं में से एक और कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाने वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता मोहम्मद अकबर लोन से सोमवार को कहा कि उन्हें एक संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करना होगा, जिसमें पुष्टि की जाएगी कि केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और वह भारत के संविधान का पालन करते हैं और उसके प्रति निष्ठा रखते हैं।
अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रही संविधान पीठ के प्रमुख भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, “वह (अकबर लोन) हमारी अदालत में आए हैं, हम उनकी दलीलें सुनने के लिए कर्तव्य से अधिक बाध्य हैं। जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने हमारे सामने प्रतिद्वंद्वी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जो स्वागत योग्य है… लेकिन वे सभी एक भावना के साथ यहां आए हैं कि वे भारत की अखंडता का पालन करते हैं।”
संविधान पीठ ने कहा कि एनसी नेता ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल किया है और इसलिए, “आवश्यक रूप से संविधान के प्रति निष्ठा का पालन करना चाहिए”।
इससे पहले केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने संविधान पीठ के समक्ष अनुरोध किया कि लोन को एक हलफनामा दायर करना चाहिए कि वह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद और अलगाववाद का विरोध करते हैं।
मेहता ने कहा कि अगर मामला शीर्ष अदालत के ध्यान में लाए जाने के बाद उनसे हलफनामा दायर करने के लिए नहीं कहा गया, तो यह “दूसरों को प्रोत्साहित कर सकता है” और “(केंद्र शासित प्रदेश में) सामान्य स्थिति लाने के राष्ट्र के प्रयास प्रभावित हो सकते हैं”।
उन्होंने कहा, “मुख्य याचिका में मुख्य याचिकाकर्ता द्वारा सदन में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहने की अपनी गंभीरता है।”
संविधान पीठ को एक ‘चौंकाने वाला’ तथ्य बताया गया कि लोन ने विधानसभा में कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए थे और खुद को भारतीय बताने में झिझक रहे थे।
यह भी दावा किया गया कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एनसी नेता ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ विलय अधूरा था।
–आईएएनएस
एकेजे