नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण विस्थापित छात्र मणिपुर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले सकते हैं या सिलचर में असम विश्वविद्यालय या शिलांग में नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी का विकल्प चुन सकते हैं।
यह राहत सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दी। पीठ ने एक शैक्षणिक वर्ष के नुकसान को रोकने के लिए देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आवास की मांग करने वाले 284 लोगों के एक समूह द्वारा दायर याचिका पर विचार किया।
पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थेे। पीठ ने कहा कि इच्छुक छात्र दखिला और स्थानांतरण के लिए मणिपुर विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
आदेश में कहा गया है, “इस तरह के अनुरोध किए जाने पर स्थानांतरण की प्रक्रिया दो सप्ताह में पूरी की जाएगी। मणिपुर विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि उपरोक्त प्रक्रिया छात्रों को उनके अध्ययन के पाठ्यक्रम के लिए डिग्री प्राप्त करने में बाधा न बने।”
यह भी कहा गया है कि कोई भी अन्य शिकायत न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गीता मित्तल की अगुवाई वाली अदालत द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष उठाई जा सकती है।
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और मणिपुर के महाधिवक्ता से याचिका में उठाई गई शिकायत पर गौर करने को कहा था।
–आईएएनएस
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