deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ आप सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर कार्यवाही बंद की

by
December 11, 2023
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

READ ALSO

‘इजरायल-ईरान में शांति समझौता जल्द’, राष्ट्रपति ट्रंप का दावा

ईरानी हमले के बावजूद इजरायल के ‘हाइफा’ पोर्ट पर संचालन सामान्य

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को यह देखते हुए बंद कर दी कि उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया। वकील शादान फरासत ने पीठ को बताया कि चड्ढा का निलंबन 4 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इसलिए पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह कहते हुए कार्यवाही बंद करने का फैसला किया कि आप सांसद द्वारा दायर रिट याचिका अब निरर्थक हो गई है।

चड्ढा का निलंबन 115 दिनों तक चला, उसके बाद भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा, जिसका अनुमोदन करते हुए निलंबन रद्द कर दिया गया।

पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया था कि मामले में “कुछ रचनात्मक हो रहा है”।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब चड्ढा के वकील से कहा था, “कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे भी पढ़ें।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर में चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसमें कहा गया था कि आप नेता द्वारा मांगी गई माफी पर राज्यसभा सभापति “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करेंगे।

चड्ढा को इस साल अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का चयन समिति में नाम शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसजीके

Related Posts

ताज़ा समाचार

‘इजरायल-ईरान में शांति समझौता जल्द’, राष्ट्रपति ट्रंप का दावा

June 15, 2025
ताज़ा समाचार

ईरानी हमले के बावजूद इजरायल के ‘हाइफा’ पोर्ट पर संचालन सामान्य

June 15, 2025
ताज़ा समाचार

डिस्को डांसर : पहले 100 करोड़ी स्टार, जिनके डांस के दीवाने हजारों-हजार

June 15, 2025
ताज़ा समाचार

‘मुसलमानों के साथ कांग्रेस ने क्या किया’, इमरान मसूद के ‘दरी बिछाने’ वाले बयान पर सपा नेता एसटी हसन का पटलवार

June 15, 2025
ताज़ा समाचार

उत्तर प्रदेश : नजरबंद किए जाने पर बोले मौलाना तौकीर रजा, ‘देश में उड़ाई जा रही कानून की धज्जियां’

June 15, 2025
ताज़ा समाचार

विवाद और हंगामे के बीच फिर से झारखंड प्रदेश राजद अध्यक्ष बने संजय सिंह यादव

June 15, 2025
Next Post

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खत्म हुआ कश्मीर पर कुहासा, अब 'गुलाम कश्मीर' को आजाद करने की है बारीः विहिप

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

[email protected]

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

084573
Total views : 5893892
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In