नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह खेड़ा की याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।
पीठ ने खेड़ा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद से कहा, “अब आप माफी मांगते रहिए… हम इच्छुक नहीं हैं, क्षमा करें।”
अक्टूबर 2023 में, शीर्ष अदालत ने खेड़ा की विशेष अनुमति याचिका के साथ-साथ अंतरिम राहत की प्रार्थना पर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया था।
इससे पहले, लखनऊ हाई कोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने खेड़ा की इस दलील पर विचार करने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी है, इसलिए, सभी कानूनी कार्यवाही रद्द की जानी चाहिए।
हाई कोर्ट ने कहा था, “आवेदक अदालत के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं और निचली अदालत में अपनी सभी शिकायतें उठा सकते हैं। उपरोक्त तथ्यों और चर्चाओं के मद्देनजर, आवेदन में कोई योग्यता नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।”
मार्च, 2023 में शीर्ष अदालत ने असम और वाराणसी में कांग्रेस प्रवक्ता के खिलाफ दर्ज अलग-अलग एफआईआर को एक साथ जोड़ने और उन्हें लखनऊ ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। खेड़ा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दो और असम में एक एफआईआर दर्ज है।
23 फरवरी, 2023 को खेरा को रायपुर की फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया और असम पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कुछ ही घंटों के भीतर, शीर्ष अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी थी।
बाद की सुनवाई में, खेड़ा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि उनका मुवक्किल अपनी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगेगा।
उत्तर प्रदेश और असम की सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि उनके वकील द्वारा अदालत में माफी मांगने के बावजूद खेड़ा ने पीएम के खिलाफ अपनी टिप्पणियों पर कोई पश्चाताप नहीं दिखाया है।
–आईएएनएस
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