नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट एक विवाहित द्वारा 24 सप्ताह से अधिक के गर्भ को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की मांग वाली उसकी याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना की विशेष पीठ ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता की शुक्रवार सुबह 11 बजे एम्स में एक मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच की जाएगी।
शुरुआत में, पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर विचार करने की इच्छा व्यक्त की और टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता को क्षेत्राधिकार वाले उच्च न्यायालय से संपर्क करना चाहिए था। उसने आशंका जताई कि सीधे सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करने से भानुमती का पिटारा खुल जाएगा।
हालाँकि, वकील अमित मिश्रा और एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड राहुल शर्मा के अनुरोध करने पर शीर्ष अदालत ने मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की सहायता मांगी।
लैक्टेशनल एमेनोरिया से पीड़ित महिला को अपनी गर्भावस्था के बारे में देर से एहसास हुआ और इसके बाद वह अवसाद में चली गई। इस बीमारी में स्तनपान कराने वाली मां का मासिक धर्म अस्थायी रूप से रुक जाता है। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
–आईएएनएस
एकेजे