लखनऊ, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीट की हत्या किए जाने के प्रकरण को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा को दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक विरोधी पार्टी करार दिया। चुनाव की घोषणा से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार पर भी तंज कसा।
सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि भाजपा सरकार में कभी गाय के नाम पर लोगों को धमकाया जाता है तो कभी रायबरेली में दलित युवक को मौत के घाट उतार दिया जाता है। ऐसा करने वाले लोग कहते हैं कि वे बाबा के आदमी हैं। मतलब, अब इन लोगों के मन में जो आएगा, वह करते चले जाएंगे। इन लोगों को संविधान से भी कोई लेना-देना नहीं रह गया है। ये लोग संविधान के सिद्धांतों को ताक पर रखने पर आमादा हो चुके हैं, लेकिन हम विपक्ष का कर्तव्य निभाते हुए ऐसा होने नहीं देंगे। भाजपा के लोगों को यह बात समझनी होगी कि यह देश संविधान से चलेगा। हम इस तरह की हरकतों को एक सभ्य समाज में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से स्वस्थ नहीं हैं। हम उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। बीमार होने की वजह से वे अजीबोगरीब हरकत कर रहे हैं। कभी किसी अफसर के सिर पर गमला रख दे रहे हैं तो कभी प्रधानमंत्री के पैर छू रहे हैं, तो कभी किसी बैठक में हाथ जोड़कर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। उनके इस व्यवहार से स्पष्ट होता है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि उनका स्वास्थ्य जल्द से जल्द ठीक हो और जेडीयू को भी चाहिए कि वह इस पर ध्यान दें, क्योंकि बिहार को अचेत नहीं, बल्कि सचेत मुख्यमंत्री चाहिए।
उत्तर प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र सरकार अपने निजी हित की वजह से इसकी उचित जांच नहीं कर रही है। मेरा सीधा सा सवाल है कि केंद्र सरकार के पास ऐसी क्या मजबूरी है कि वह इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित करने की कोशिश नहीं कर रही है? सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर कोई फैसला नहीं ले रहा है और न ही उस कंपनी की जांच हो रही है? आखिर सरकार को किस बात का डर है? आखिर क्यों भाजपा उस कंपनी पर रोक नहीं लगा रही है? निश्चित तौर पर अगर उस कंपनी को बंद कर दिया जाएगा तो उसकी दवाएं बिकना खुद-ब-खुद बंद हो जाएगा। केंद्र सरकार को इस मामले में कठोरता से कार्रवाई करनी चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत की हालत आज की तारीख में घर के उस बुजुर्ग व्यक्ति की तरह हो चुकी है जो घर के बाहर दालान में बैठकर खांसता है; वह कुछ कहता है, लेकिन बाकी के लोग उसकी सुनने के लिए तैयार नहीं होते, उसे गंभीरता से नहीं लेते।
उन्होंने कहा कि पहले संघ प्रमुख की एक इज्जत होती थी। संघ प्रमुख पहले साल में एक ही बार विजयादशमी पर बोलते थे। आज तो वे हर तीसरे दिन बोलना शुरू कर देते हैं। आज की तारीख में संघ के लोग हिंदुस्तान के मुस्लिमों के साथ कटूतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। उनके मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढ रहे हैं। ऐसी स्थिति में अगर कल को भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक हो जाएंगे तो संघ के लोगों का व्यवहार कैसा रहेगा?
साथ ही, कांग्रेस नेता सूरेंद्र राजपूत ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की टिप्पणी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिहार में विधानसभा चुनाव पारदर्शी तरीके से हो। इसमें किसी भी प्रकार की विसंगति नहीं हो। किसी भी प्रकार का विसंगतिपूर्ण व्यवहार चुनावी प्रक्रिया के दौरान नहीं अपनाया जाना चाहिए।
उन्होंने सोनम वांगचुक प्रकरण के संबंध में कहा कि हम उनकी हर कीमत में रिहाई चाहते हैं। सोनम वांगचुक देशभक्त व्यक्ति हैं। वे हमारी पार्टी के सदस्य नहीं हैं। वे तो हमारी पार्टी के विरोधी रहे हैं। इसके बावजूद हम उनका समर्थन करते हैं। वे जिस तरह का संघर्ष लद्दाख में कर रहे हैं, वह काबिले तारीफ है। हम उनके साथ हैं।
उन्होंने कहा कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग उचित है। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करना उचित है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि जो कोई भाजपा का विरोध करता है, उसका नाता पाकिस्तान से जोड़कर उसे देश विरोधी साबित कर दिया जाता है। सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि जिन लोगों ने सोनम वांगचुक के खिलाफ देश विरोधी होने का झूठा आरोप लगाया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, कांग्रेस ने बिहार में 23 लाख महिला मतदाताओं के नाम हटाए जाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने वोट चोरी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। इस पर सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि जब वोट कटेंगे, तो हम कार्रवाई की मांग करेंगे। चुनाव आयोग को यह बताना होगा कि वह क्या कर रहा है। आयोग को यह बताना होगा कि महिला मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से क्यों काटे गए हैं।
–आईएएनएस
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