कोलकाता, 17 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को राज्य सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने ममता सरकार पर वार्षिक गंगासागर मेले को अपना खजाना भरने के लिए धन कमाने का इवेंट बनाने का आरोप लगाया।
विपक्ष के नेता ने दावा किया, ”दिवालिया पश्चिम बंगाल सरकार मोटी रकम कमाने के लिए आम लोगों को परेशान कर रही है। हर दिन बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि राज्य सरकार गंगासागर मेले में शीर्ष स्तर की सुविधाएं प्रदान कर रही है, और राज्य द्वारा खर्च वहन करने के साथ अधिकतम सेवाएं मुफ्त प्रदान की जा रही हैं। हालांकि, ये दावे सच्चाई से बहुत दूर हैं।”
सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि सागर द्वीप में गंगासागर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को जहाज किराए का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जो सामान्य टैरिफ से अधिक है। उनके मुताबिक, गंगासागर मेला ग्राउंड तक पहुंचने के लिए जहाज का किराया सामान्य दिनों में 49 रुपये से बढ़कर मेले के दौरान 76 रुपये हो गया है।
विपक्ष के नेता ने दावा किया, “यह मानते हुए कि कम से कम 50 लाख लोगों ने जहाज सेवा का लाभ उठाया है, राज्य सरकार ने मेले के दिनों के दौरान किराए में बढ़ोतरी के माध्यम से 38 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाए हैं।”
हालांकि, स्थानीय तृणमूल कांग्रेस विधायक और राज्य के सुंदरबन मामलों के मंत्री बंकिम हाजरा ने आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि पिछली वाम मोर्चा सरकार ने गंगासागर मेले में आने वाले पर्यटकों पर प्रवेश टैक्स लगाया था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने इसे खत्म कर दिया है।
सुवेंदु अधिकारी ने यह भी दावा किया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परीक्षा के लिए फॉर्म की कीमत 2022 में 100 रुपये से बढ़ाकर 2023 में 500 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि टीईटी में शामिल होने वाले 3,09,054 छात्रों से राज्य सरकार ने 15,45 करोड़ रुपये कमाए।
–आईएएनएस
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