फरीदाबाद, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के फरीदाबाद में एक प्लाईवुड व्यापारी से साइबर ठगी के प्रयास का मामला सामने आया है। एक बड़े अस्पताल का नाम लेकर फर्जी तरीके से पैसे ऐंठने की कोशिश की गई, लेकिन व्यापारी की सूझबूझ और समझदारी से वह बच गया।
फरीदाबाद समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर में साइबर ठगों ने इन दिनों आतंक मचा रखा है। पिछले कई दिनों से साइबर ठगी के नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला फरीदाबाद के रहने वाले प्लाईवुड उद्योगपति पवन गोयल से जुड़ा है। आरोपी ने खुद को फरीदाबाद के नामचीन अस्पताल के मालिक का पीए बताकर उन्हें फोन किया था।
पवन गोयल ने आईएएनएस को बताया कि आरोपी तीन दिन से प्लाईवुड का ऑर्डर देने के लिए फोन कर रहा था। उससे मोबाइल के माध्यम से प्लाईवुड के दामों को लेकर पूरी चर्चा भी हुई। उसने एशियन हॉस्पिटल के नाम से अपना ऑर्डर दिया। ऑर्डर के कागजात बिल्कुल सही लग रहे थे। उन्होंने कहा, “आरोपी ने जब टर्माइट की दवा मांगी, तब हमें शक हुआ। प्लाइवुड में दीमक नहीं लगे, इसलिए टर्माइट की दवा का उपयोग होता है। आरोपी ने एक खास कंपनी की 150 बोतलों की मांग की, जिसकी एक बोतल 1,400-1,500 रुपए की आती है।”
जब गोयल ने कहा कि इतनी मात्रा में यह फरीदाबाद में उपलब्ध नहीं हो पाएगा, तो उसने एक नंबर दिया और कहा कि यह नंबर टर्माइट की वह दवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी के एजेंट का है। जब हमने कॉल पर बात की, तो 150 बोतल की कीमत करीब दो लाख रुपये के आसपास आई। वह एजेंट एडवांस पेमेंट की मांग कर रहा था।
गोयल ने एशियन हॉस्पिटल के फर्जी कर्मचारी को फोन किया तो उसने कहा कि “आप टर्माइट मंगा लीजिए, मैं आपको कैश पैसे दे दूंगा”। उसने दो-तीन बार कैश पेमेंट करने की बात दोहराई। गोयल ने कहा, “उसके बाद मेरा शक बढ़ गया कि एशियन हॉस्पिटल इतना बड़ा है, वह मुझसे कैश में डील क्यों करेगा?”
उन्होंने बताया, “आरोपी से सोमवार सुबह भी बात हुई। मैंने उससे कहा कि मैं एशियन हॉस्पिटल के बाहर खड़ा हूं, आपका ऑफिस कहां है। इस पर उसने कहा कि कुछ दूर पर हॉस्पिटल का स्टोर है, मुझे वहां आना है। मैंने फोन काट दिया। कुछ देर बार मैंने फोन करके कहा कि आपकी आईडी एशियन हॉस्पिटल में चेक कराई है, लेकिन वह यहां का नहीं है। इसके बाद आरोपी ने फोन काट दिया। उसने प्रोफाइल से अपनी फोटो हटा दी और नंबर बंद कर दिया। जिस दूसरे नंबर से कॉल पर बात होती थी, वह भी बंद कर दिया है। ट्रू कॉलर पर आंध्र प्रदेश का नंबर बता रहा है।”
–आईएएनएस
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