पोर्ट सूडान, 20 नवंबर (आईएएनएस)। सूडान की संक्रमणकालीन संप्रभु परिषद के अध्यक्ष और सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) के कमांडर अब्देल फत्ताह अल-बुरहान ने देश में सशस्त्र संघर्ष के समाधान के लिए किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को अस्वीकार करने की बात दोहराई।
अल-बुरहान ने कहा कि संघर्ष का समाधान ‘आंतरिक’ है, अर्थात विद्रोह को समाप्त करना, क्योंकि इसकी उपस्थिति का अर्थ है कि संकट भविष्य में भी जारी रहेगा।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार उन्होंने यह बात पोर्ट सूडान में युद्ध चुनौतियों से निपटने के लिए आयोजित प्रथम आर्थिक सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में कही।
अल-बुरहान ने कहा, “सूडान तब तक किसी भी वार्ता में शामिल नहीं होगा और युद्ध विराम पर सहमत नहीं होगा जब तक विद्रोही मिलिशिया उन क्षेत्रों से पूरी तरह से वापस नहीं लौट जाते जिनमें वे प्रवेश कर चुके हैं।”
अल-बुरहान ने कहा कि सशस्त्र संघर्ष से निपटने के लिए सूडानी सरकार के नजरिये में- युद्ध को रोकना, ‘विद्रोहियों’ को खदेड़ना और ‘सूडानी-सूडानी वार्ता’ के माध्यम से नागरिक सरकार की स्थापना करके संक्रमणकालीन अवधि को पूरा करने के लिए एक राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करना- शामिल है।
वित्त और आर्थिक योजना मंत्रालय द्वारा आयोजित चार दिवसीय आर्थिक सम्मेलन में सूडानी अर्थव्यवस्था पर चल रहे युद्ध के प्रभाव और उन प्रभावों को कम करने के साथ ही वर्तमान आर्थिक समस्याओं के समाधान के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
सूडान अप्रैल 2023 के मध्य से एसएएफ और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच विनाशकारी संघर्ष की चपेट में है।
आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डाटा प्रोजेक्ट के नवीनतम अपडेट के अनुसार, इस घातक संघर्ष की वजह से 27,120 से अधिक मौतें हुई हैं।
इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, संघर्ष ने सूडान के अंदर या बाहर 14 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापित किया है।
–आईएएनएस
एमके/