चंडीगढ़, 12 जून (आईएएनएस)। न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सूरजमुखी की फसल की खरीद की मांग को लेकर किसान सोमवार को फिर से एकत्रित होना शुरू हो गए। बीकेयू नेता राकेश टिकैत, जिनके कुरुक्षेत्र जिले में विरोध स्थल पिपली पहुंचने की उम्मीद है, ने सरकार द्वारा फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की घोषणा नहीं करने पर अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर चले विरोध से बड़े आंदोलन की धमकी दी है।
उधर, सरकार ने पिपली में धारा 144 लागू कर दी है और सार्वजनिक सभा पर पाबंदी लगा दी है।
किसान नेताओं ने अधिकारियों को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित अपने नौ नेताओं को रिहा करने की भी चेतावनी दी है, जिन्हें 7 जून को राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने के आरोप में 14 दिनों के लिए हिरासत में भेज दिया गया था। ऐसा न करने पर 12 जून को एक विशाल रैली आयोजित करने की बात कही है।
किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार उनकी सूरजमुखी की फसल को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर खरीदे, जैसा कि केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए फसल के लिए घोषणा की थी।
किसानों के मुद्दे का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को सवाल किया, क्या अब एमएसपी मांगना अपराध है? क्या किसान की आवाज उठाना अपराध है? क्या लोकतांत्रिक विरोध अपराध है?
सुरजेवाला ने ट्वीट किया, अगर यह अपराध है, तो हर किसान बार-बार यह अपराध करेगा। खट्टर-दुष्यंत की जेल कम हो जाएगी। किसानों का संघर्ष कम नहीं होने वाला है।
राज्य सरकार और किसानों के बीच मनमुटाव के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि सरकार सूरजमुखी उत्पादकों को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए बाजार का अध्ययन कर रही है।
शनिवार को 36,414 एकड़ भूमि पर सूरजमुखी उगाने वाले 8,528 सूरजमुखी किसानों को अंतरिम भरपाई (मुआवजे) के रूप में 29.13 करोड़ रुपये डिजिटल रूप से जारी करते हुए, मुख्यमंत्री ने संदेश दिया कि कुछ लोग किसानों के बीच भ्रम पैदा करने का दावा कर रहे हैं। उनको किसानों की कोई परवाह नहीं है।
उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि चुनौतियों के बावजूद केंद्र या राज्य सरकार किसानों के हित में काम कर रही है।
सरकार ने सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया है, इसके तहत एमएसपी से नीचे उपज बेचने पर किसानों को 1,000 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा।
कुरुक्षेत्र जिले में सूरजमुखी का सबसे अधिक उत्पादन होता है और इसका मुख्य खरीद केंद्र शाहबाद है। इसके अलावा, अंबाला, यमुनानगर, करनाल और पंचकूला जिलों में भी सूरजमुखी खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं।
हैफेड ने पहली बार सूरजमुखी की फसल की खरीद शुरू की है और मंडियों में खरीद की प्रक्रिया पूरी होने तक बाजार में बने रहने की घोषणा की है।
शाहबाद में सूरजमुखी की खरीद 4850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा भावांतर भरपाई योजना के तहत 1,000 रुपये प्रति क्विंटल की अंतरिम राहत देने से अब हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद बढ़कर 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
पंजाब में इस समय सूरजमुखी 3800 से 4200 रुपये में खरीदा जा रहा है।
किसानों को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री ने रविवार को कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी तेल का कारखाना खोलने की घोषणा की, इसकी क्षमता 20,000 मीट्रिक टन होगी।
–आईएएनएस
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