रांची, 22 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग झारखंड के गोड्डा जिले में सामाजिक-राजनीतिक तौर पर सक्रिय रहे सूर्या हांसदा के कथित रूप से पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के मामले की जांच करेगा। इसके लिए आयोग ने नौ सदस्यीय टीम बनाई है, जो 24 अगस्त को गोड्डा के ललमटिया स्थित सूर्या हांसदा के गांव डकैता का दौरा करेगी। टीम का नेतृत्व आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा और निरुपम चकमा करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार टीम में आयोग के सचिव वाईपी यादव, सलाहकार एचआर मीना, सदस्य सुभाष रशिक सोरेन, राहुल यादव, अनुसंधानकर्ता राहुल कुमार सहित अन्य शामिल हैं। आयोग की टीम इस घटना के बारे में गोड्डा की उपायुक्त अंजली यादव और पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार से भी जानकारी लेगी।
आयोग ने दो दिन पूर्व राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, गोड्डा जिले के उपायुक्त और एसपी को नोटिस जारी किया था और उन्हें एनकाउंटर के बाद दर्ज शिकायतों और उस पर की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा था। सूर्या हांसदा का कथित एनकाउंटर 11 अगस्त को बोआरीजोर थाना क्षेत्र स्थित ललमटिया धमनी पहाड़ में हुआ था। उसकी गिरफ्तारी 10 अगस्त की शाम को देवघर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव से की गई थी।
सूर्या को सादे लिबास में बाइक से आए पुलिसकर्मी उसकी मौसी के घर से पकड़कर अपने साथ ले गए थे। सूर्या हांसदा का राजनीतिक करियर कई पार्टियों से जुड़ा रहा। उन्होंने पहली बार 2009 में झारखंड विकास मोर्चा से चुनाव लड़ा। 2014 में भी इसी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे। 2019 में भाजपा ने उन्हें टिकट दिया था, जिसमें वह दूसरे स्थान पर रहे।
2024 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़कर जेएलकेएम (झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) से चुनाव लड़ा, लेकिन किसी भी चुनाव में जीत नहीं हासिल कर पाए। सूर्या हांसदा के खिलाफ हाल ही में साहिबगंज के मिर्जा चौकी थाना और गोड्डा के ललमटिया थाना में कई गंभीर अपराधों में एफआईआर दर्ज की गई थी। सूर्या के कथित एनकाउंटर के बाद स्थानीय लोग और परिवार के सदस्य इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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