नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय सेना के नॉर्दर्न कमांड ने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए ‘रुद्र’ मिशन का परिचय कराया है, जो युद्ध के मैदान में बेहतरीन तालमेल और आधुनिक तकनीकों के साथ सामरिक दक्षता का अनोखा संगम है।
इस मिशन के माध्यम से सेना अपनी तैयारियों को और अधिक मजबूत कर रही है ताकि आने वाले समय में युद्ध के बदलते स्वरूप और जटिल चुनौतियों का मुकाबला किया जा सके।
‘रुद्र’ एक ऐसा मिशन है जो सेना की विभिन्न शाखाओं के बीच बेहतरीन समन्वय (इंटर-आर्म इंटीग्रेशन) और साझा रणनीतियों को लागू करता है। इसमें थल सेना, वायु सेना और अन्य लड़ाकू बलों का एकसाथ तालमेल बना रहता है, जिससे युद्ध के दौरान हर चुनौती का सामना बेहतर तरीके से किया जा सके। इस मिशन की सबसे बड़ी खासियत है ‘सिंर्जाइज्ड कॉम्बैट एप्लीकेशन’ यानी लड़ाकू गतिविधियों का सामूहिक और सुव्यवस्थित समन्वय।
नॉर्दर्न कमांड के ‘एक्स’ पोस्ट में कहा गया है कि युद्धक्षेत्र लगातार बदल रहा है और तकनीकें निरंतर विकसित हो रही हैं। ऐसे में ‘रुद्र’ मिशन की भूमिका बेहद अहम हो जाती है, क्योंकि यह हमारी सेनाओं को भविष्य के युद्ध के लिए तैयार रखता है। यह मिशन सैनिकों को मिशन-केंद्रित बनाए रखता है और राष्ट्र की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को और भी मजबूत करता है।
भारतीय सेना ने हमेशा से अपनी क्षमता विकास और भविष्य की चुनौतियों के प्रति तैयार रहने पर जोर दिया है। ‘रुद्र’ मिशन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आधुनिक युद्ध तकनीकों को अपनाने और लड़ाकू ताकत को बढ़ाने में सहायक है। इसके जरिए सेना अपनी रणनीतियों को और प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीकों और उपकरणों को शामिल करती रही है।
भारतीय सेना का नॉर्दर्न कमांड इस मिशन के तहत अपने सैनिकों को न केवल आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करता है, बल्कि उन्हें उच्च स्तरीय प्रशिक्षण भी प्रदान करता है ताकि वे हर प्रकार की चुनौती का सामना कर सकें। यह मिशन यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय सेना हर स्थिति में ‘फ्यूचर-रेडी’ यानी भविष्य के लिए तैयार बनी रहे।
–आईएएनएस
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