रांची, 8 जून (आईएएनएस)। रांची के बहुचर्चित सेना जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए कोलकाता के दोनों बड़े कारोबारियों अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को आज कड़ी सुरक्षा के बीच रांची स्थित पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया। ईडी ने दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए पांच दिनों तक रिमांड पर लेने की अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे मंजूर नहीं किया। ईडी अब कुछ दिनों के बाद उन्हें रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट के पास दरख्वास्त करेगी।
इन दोनों व्यवसायियों पर रांची में सेना के कब्जे वाली साढ़े चार एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीद-फरोख्त में शामिल रहने का आरोप है। इस मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त आईएएस छवि रंजन के अलावा आठ लोगों को पिछले ही महीने गिरफ्तार किया जा चुका है। ईडी ने उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की है। अब दोनों व्यवसायियों से होनेवाली पूछताछ में कई और राज खुलने की संभावना है।
जांच में यह बात सामने आई है कि फर्जी कागजात के आधार पर प्रदीप बागची नामक शख्स ने कोलाकाता के जगतबंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष को यह जमीन बेची थी। इस कंपनी में अमित अग्रवाल भी सहयोगी हैं। कंपनी के दिलीप घोष को ईडी ने पहले समन किया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे थे। इस फजीर्वाड़े का खुलासा सबसे पहले साउथ छोटानागपुर कमिश्नरी के कमीश्नर की जांच रिपोर्ट में पहले ही हो चुका था। बाद में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।
घोटाले में रांची के बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम को भी गिरफ्तार किया था।
–आईएएनएस
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