नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बाजार नियामक सेबी ने सेबी पंजीकृत मध्यस्थों और अन्य संस्थाओं द्वारा प्रदर्शन के किसी भी दावे को मान्य करने के लिए एक प्रदर्शन सत्यापन एजेंसी (पीवीए) के निर्माण का प्रस्ताव दिया है।
सेबी परामर्श पत्र में कहा गया है, अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने और बढ़ने तथा व्यवसाय जारी रखने के लिए बिचौलियों/वस्तुओं को अपना प्रदर्शन दिखाने की आवश्यकता है। हालांकि, अधिक ग्राहकों की चाहत में इनमें से कुछ संस्थाएं निवेशकों के सामने अपने प्रदर्शन या सिफ़ारिशों के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर दावे कर सकती हैं, जिससे निवेशकों को गुमराह किया जा सकता है।
इस समय एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) म्यूचुअल फंड योजनाओं के प्रदर्शन की गणना करती हैं। इसी तरह, पोर्टफोलियो प्रबंधकों को कुछ बेंचमार्क के मुकाबले अपने प्रदर्शन की रिपोर्ट करने की अनुमति दी गई है। इन मध्यस्थों/संस्थाओं द्वारा किए गए दावे अधिकतर स्व-सत्यापित होते हैं और वर्तमान में ऐसे दावों को मान्य करने के लिए कोई समर्पित एजेंसी नहीं है।
निवेश सलाहकार (आईए) और अनुसंधान विश्लेषक (आरए) भी स्वाभाविक रूप से क्रमशः निवेश सलाह और ‘खरीद/बिक्री/पकड़’ की सिफारिश देने में शामिल होते हैं। सेबी द्वारा जारी आईएएस और आरए के लिए विज्ञापन कोड के संदर्भ में आईएएस और आरए को पिछले प्रदर्शन का कोई संदर्भ देने की अनुमति नहीं है।
पंजीकृत मध्यस्थों की ओर से निवेशकों को अपना प्रदर्शन दिखाने की मांग की गई है, ताकि उनकी विश्वसनीयता बढ़ाई जा सके।
निवेश सलाह, ‘खरीदें/बेचें/होल्ड’ अनुशंसा, म्यूचुअल फंड योजना, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा, एल्गोरिदम इत्यादि से संबंधित दावों/प्रदर्शन को मान्य करने के लिए प्रदर्शन सत्यापन एजेंसी (पीवीए) नामक एक स्वतंत्र निकाय बनाने का प्रस्ताव है।
सेबी ने मध्यस्थों/अन्य संस्थाओं जैसे आईए, आरए, पोर्टफोलियो मैनेजर, एएमसी, स्टॉक ब्रोकर आदि को पंजीकृत किया।
पीवीए सेबी में पंजीकृत मध्यस्थों/अन्य संस्थाओं द्वारा उनके ग्राहकों द्वारा प्रदान की गई सलाह/सिफारिश/सेवाओं के आधार पर किए गए वास्तविक लाभ के दावों को मान्य करेगा।
पीवीए सेबी पंजीकृत मध्यस्थों/अन्य संस्थाओं के प्रदर्शन दावों को मान्य करेगा। पीवीए संभावित उचित परीक्षण अवधि के दौरान एल्गोरिदम का परीक्षण करके एल्गोरिदम के प्रदर्शन को मान्य करेगा।
उपरोक्त के अलावा, किसी भी अन्य प्रदर्शन दावे को पीवीए द्वारा मान्य किया जा सकता है, मूल सिद्धांत के अधीन कि अनुकूल घटनाओं/रणनीतियों/ग्राहक और अन्य परिणामों का कोई चयनात्मक चेरी-पिकिंग नहीं होगा। इसके अलावा, कोई भी दावा दावा करने वाली इकाई के अलावा अन्य स्रोतों से स्वतंत्र रूप से सत्यापन योग्य होना चाहिए।
–आईएएनएस
एसजीके