deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

सेवाओं के मामले में अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रहा केंद्र : केजरीवाल

by
May 20, 2023
in ताज़ा समाचार
0
सेवाओं के मामले में अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रहा केंद्र : केजरीवाल
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार सेवा मामलों पर फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रही है।

आप नेता ने अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों से जुड़े अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सीधी अवमानना करार दिया।

READ ALSO

पाक समर्थित आतंकवाद की कमर तोड़ने में कामयाब रहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’, कई हाई प्रोफाइल आतंकी हुए ढेर

एफपीआई का भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा बढ़ा, मई में निवेश किए 14,000 करोड़ रुपए

उन्होंने विपक्षी दलों से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो।

इस मुद्दे पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, वे गर्मी की छुट्टियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने इंतजार किया, क्योंकि वे जानते हैं कि यह अध्यादेश अवैध है।

भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, वे जानते हैं कि उनकी दलील अदालत में पांच मिनट नहीं टिकेगी। एक जुलाई को जब सुप्रीम कोर्ट खुलेगा तो हम उसे चुनौती देंगे।

उन्होंने कहा कि सेवा मामले पर अध्यादेश संघीय ढांचे पर हमला है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही दिल्ली में एक बड़ी रैली होगी।

उन्होंने कहा, लोगों की ओर से जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, मुझे लगता है कि भाजपा को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सात सीटों में से एक भी सीट नहीं मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि आप को दिल्ली विधानसभा चुनावों में तीन बार और एमसीडी चुनाव में एक बार प्रचंड बहुमत मिला।

केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा है कि वे दिल्ली में आप सरकार चाहते हैं और केंद्र सरकार ने बार आप के काम को रोकने की कोशिश की है, वे अब सुप्रीम कोर्ट को सीधी चुनौती दे रहे हैं। 2015 में वे अधिसूचना लाए और फिर वे 2021 में एक कानून लाए और हमसे शक्तियां छीन लीं।

उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र और दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ एक क्रूर मजाक है। केंद्र ने एक हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। केंद्र सुप्रीम कोर्ट को खुले तौर पर चुनौती दे रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट की सीधी अवमानना है और इसकी महिमा का अपमान है।

केजरीवाल का बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए केंद्र द्वारा एक अध्यादेश जारी किए जाने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सेवाओं पर नियंत्रण का अधिकार दिया था।

केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के रूप में जाना जाने वाला एक स्थायी प्राधिकरण स्थापित करने के लिए अध्यादेश लाया है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव, दिल्ली के प्रधान सचिव (गृह) होंगे, जो ट्रांसफर-पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों के संबंध में सिफारिशें करेंगे। ।

हालांकि, आम सहमति न बनने की स्थिति में एलजी का निर्णय अंतिम होगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाया था कि यह मानना आदर्श है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एलजी पुलिस और भूमि संबंधी मामलों को छोड़कर हर मसले पर चुनी हुई सरकार की सलाह मानने को बाध्य है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार सेवा मामलों पर फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रही है।

आप नेता ने अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों से जुड़े अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सीधी अवमानना करार दिया।

उन्होंने विपक्षी दलों से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो।

इस मुद्दे पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, वे गर्मी की छुट्टियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने इंतजार किया, क्योंकि वे जानते हैं कि यह अध्यादेश अवैध है।

भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, वे जानते हैं कि उनकी दलील अदालत में पांच मिनट नहीं टिकेगी। एक जुलाई को जब सुप्रीम कोर्ट खुलेगा तो हम उसे चुनौती देंगे।

उन्होंने कहा कि सेवा मामले पर अध्यादेश संघीय ढांचे पर हमला है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही दिल्ली में एक बड़ी रैली होगी।

उन्होंने कहा, लोगों की ओर से जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, मुझे लगता है कि भाजपा को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सात सीटों में से एक भी सीट नहीं मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि आप को दिल्ली विधानसभा चुनावों में तीन बार और एमसीडी चुनाव में एक बार प्रचंड बहुमत मिला।

केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा है कि वे दिल्ली में आप सरकार चाहते हैं और केंद्र सरकार ने बार आप के काम को रोकने की कोशिश की है, वे अब सुप्रीम कोर्ट को सीधी चुनौती दे रहे हैं। 2015 में वे अधिसूचना लाए और फिर वे 2021 में एक कानून लाए और हमसे शक्तियां छीन लीं।

उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र और दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ एक क्रूर मजाक है। केंद्र ने एक हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। केंद्र सुप्रीम कोर्ट को खुले तौर पर चुनौती दे रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट की सीधी अवमानना है और इसकी महिमा का अपमान है।

केजरीवाल का बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए केंद्र द्वारा एक अध्यादेश जारी किए जाने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सेवाओं पर नियंत्रण का अधिकार दिया था।

केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के रूप में जाना जाने वाला एक स्थायी प्राधिकरण स्थापित करने के लिए अध्यादेश लाया है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव, दिल्ली के प्रधान सचिव (गृह) होंगे, जो ट्रांसफर-पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों के संबंध में सिफारिशें करेंगे। ।

हालांकि, आम सहमति न बनने की स्थिति में एलजी का निर्णय अंतिम होगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाया था कि यह मानना आदर्श है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एलजी पुलिस और भूमि संबंधी मामलों को छोड़कर हर मसले पर चुनी हुई सरकार की सलाह मानने को बाध्य है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार सेवा मामलों पर फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रही है।

आप नेता ने अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों से जुड़े अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सीधी अवमानना करार दिया।

उन्होंने विपक्षी दलों से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो।

इस मुद्दे पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, वे गर्मी की छुट्टियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने इंतजार किया, क्योंकि वे जानते हैं कि यह अध्यादेश अवैध है।

भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, वे जानते हैं कि उनकी दलील अदालत में पांच मिनट नहीं टिकेगी। एक जुलाई को जब सुप्रीम कोर्ट खुलेगा तो हम उसे चुनौती देंगे।

उन्होंने कहा कि सेवा मामले पर अध्यादेश संघीय ढांचे पर हमला है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही दिल्ली में एक बड़ी रैली होगी।

उन्होंने कहा, लोगों की ओर से जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, मुझे लगता है कि भाजपा को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सात सीटों में से एक भी सीट नहीं मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि आप को दिल्ली विधानसभा चुनावों में तीन बार और एमसीडी चुनाव में एक बार प्रचंड बहुमत मिला।

केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा है कि वे दिल्ली में आप सरकार चाहते हैं और केंद्र सरकार ने बार आप के काम को रोकने की कोशिश की है, वे अब सुप्रीम कोर्ट को सीधी चुनौती दे रहे हैं। 2015 में वे अधिसूचना लाए और फिर वे 2021 में एक कानून लाए और हमसे शक्तियां छीन लीं।

उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र और दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ एक क्रूर मजाक है। केंद्र ने एक हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। केंद्र सुप्रीम कोर्ट को खुले तौर पर चुनौती दे रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट की सीधी अवमानना है और इसकी महिमा का अपमान है।

केजरीवाल का बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए केंद्र द्वारा एक अध्यादेश जारी किए जाने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सेवाओं पर नियंत्रण का अधिकार दिया था।

केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के रूप में जाना जाने वाला एक स्थायी प्राधिकरण स्थापित करने के लिए अध्यादेश लाया है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव, दिल्ली के प्रधान सचिव (गृह) होंगे, जो ट्रांसफर-पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों के संबंध में सिफारिशें करेंगे। ।

हालांकि, आम सहमति न बनने की स्थिति में एलजी का निर्णय अंतिम होगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाया था कि यह मानना आदर्श है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एलजी पुलिस और भूमि संबंधी मामलों को छोड़कर हर मसले पर चुनी हुई सरकार की सलाह मानने को बाध्य है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार सेवा मामलों पर फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रही है।

आप नेता ने अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों से जुड़े अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सीधी अवमानना करार दिया।

उन्होंने विपक्षी दलों से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो।

इस मुद्दे पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, वे गर्मी की छुट्टियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने इंतजार किया, क्योंकि वे जानते हैं कि यह अध्यादेश अवैध है।

भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, वे जानते हैं कि उनकी दलील अदालत में पांच मिनट नहीं टिकेगी। एक जुलाई को जब सुप्रीम कोर्ट खुलेगा तो हम उसे चुनौती देंगे।

उन्होंने कहा कि सेवा मामले पर अध्यादेश संघीय ढांचे पर हमला है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही दिल्ली में एक बड़ी रैली होगी।

उन्होंने कहा, लोगों की ओर से जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, मुझे लगता है कि भाजपा को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सात सीटों में से एक भी सीट नहीं मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि आप को दिल्ली विधानसभा चुनावों में तीन बार और एमसीडी चुनाव में एक बार प्रचंड बहुमत मिला।

केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा है कि वे दिल्ली में आप सरकार चाहते हैं और केंद्र सरकार ने बार आप के काम को रोकने की कोशिश की है, वे अब सुप्रीम कोर्ट को सीधी चुनौती दे रहे हैं। 2015 में वे अधिसूचना लाए और फिर वे 2021 में एक कानून लाए और हमसे शक्तियां छीन लीं।

उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र और दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ एक क्रूर मजाक है। केंद्र ने एक हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। केंद्र सुप्रीम कोर्ट को खुले तौर पर चुनौती दे रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट की सीधी अवमानना है और इसकी महिमा का अपमान है।

केजरीवाल का बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए केंद्र द्वारा एक अध्यादेश जारी किए जाने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सेवाओं पर नियंत्रण का अधिकार दिया था।

केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के रूप में जाना जाने वाला एक स्थायी प्राधिकरण स्थापित करने के लिए अध्यादेश लाया है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव, दिल्ली के प्रधान सचिव (गृह) होंगे, जो ट्रांसफर-पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों के संबंध में सिफारिशें करेंगे। ।

हालांकि, आम सहमति न बनने की स्थिति में एलजी का निर्णय अंतिम होगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाया था कि यह मानना आदर्श है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एलजी पुलिस और भूमि संबंधी मामलों को छोड़कर हर मसले पर चुनी हुई सरकार की सलाह मानने को बाध्य है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

Related Posts

ताज़ा समाचार

पाक समर्थित आतंकवाद की कमर तोड़ने में कामयाब रहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’, कई हाई प्रोफाइल आतंकी हुए ढेर

May 11, 2025
ताज़ा समाचार

एफपीआई का भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा बढ़ा, मई में निवेश किए 14,000 करोड़ रुपए

May 11, 2025
ताज़ा समाचार

दिल्ली पुलिस ने चार बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया, नहीं मिले वैध दस्तावेज, भेजे गए डिटेंशन सेंटर

May 11, 2025
ताज़ा समाचार

सुरक्षा के मद्देनजर मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में नारियल, माला और प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध

May 11, 2025
ताज़ा समाचार

देश मना रहा नेशनल टेक्नोलॉजी डे, सीएम रेखा गुप्ता, प्रवेश वर्मा समेत कई नेताओं ने दी बधाई

May 11, 2025
ताज़ा समाचार

लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का उद्घाटन, सीएम योगी बोले- आतंकवाद को पूरी तरह कुचलना ही समाधान

May 11, 2025
Next Post
साक्षी मलिक का आरोप: प्रदर्शनकारी पहलवानों को अरुण जेटली स्टेडियम में प्रवेश से वंचित किया गया

साक्षी मलिक का आरोप: प्रदर्शनकारी पहलवानों को अरुण जेटली स्टेडियम में प्रवेश से वंचित किया गया

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

रक्षा उत्पादों के मूल्य में रिकॉर्ड वृद्धि को लेकर राजनाथ सिंह ने दी जानकारी, पीएम मोदी ने जताई खुशी

July 5, 2024
करोड़ों परिवारों के सुखमय जीवन से ज़ाहिर होती है देश की समृद्धि:शी चिनफिंग

करोड़ों परिवारों के सुखमय जीवन से ज़ाहिर होती है देश की समृद्धि:शी चिनफिंग

February 11, 2024
चीन में कारों के उत्पादन और बिक्री में बढ़ोतरी

चीन में कारों के उत्पादन और बिक्री में बढ़ोतरी

February 17, 2025
गोवा में भारत का पहला ‘बीयर म्यूजियम’ बनेगा

गोवा में भारत का पहला ‘बीयर म्यूजियम’ बनेगा

March 3, 2024
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

080959
Total views : 5871014
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Notifications