नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को केंद्र द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के खिलाफ लगाई गई याचिका में संशोधन करने की इजाजत दे दी है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
दिल्ली सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
–आईएएनएस
सीबीटी/एसकेपी
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नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को केंद्र द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के खिलाफ लगाई गई याचिका में संशोधन करने की इजाजत दे दी है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
दिल्ली सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को केंद्र द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के खिलाफ लगाई गई याचिका में संशोधन करने की इजाजत दे दी है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
दिल्ली सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
दिल्ली सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को केंद्र द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के खिलाफ लगाई गई याचिका में संशोधन करने की इजाजत दे दी है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
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दिल्ली सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
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12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
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कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
कोर्ट ने मामले में अपना नया जवाबी हलफनामा दस्तावेज तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
12 अगस्त को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद यह यह कानून बन गया है।
इस कानून ने राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेश संशोधन याचिका को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया।
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