पणजी, 23 फरवरी (आईएएनएस)। सेव महादेई सेव गोवा फ्रंट (एसएमएसजीएफ) ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर विवादित कलसा-बंदुरी के लिए कर्नाटक की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दी गई और बांध परियोजना अगले 10 दिनों के भीतर रद्द नहीं की जाती है, तो गोवा ठप हो जाएगा।
एसएमएसजीएफ के संयोजक प्रजल सखरदांडे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इसलिए हर गोवावासी को इस आंदोलन का समर्थन करना चाहिए।
सखरदांडे ने कहा, मैं गोवा के सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे सेव महादेई सेव गोवा फ्रंट के बैनर तले एकजुट हों और आंदोलन को मजबूत करें।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को महादेई प्रवाह (महादेई जल प्राधिकरण) के निर्माण को मंजूरी देने के निर्णय के बाद सामने से प्रतिक्रिया आई।
उन्होंने कहा, यह एक गंभीर मुद्दा है। प्रवाह ने पहले ही महादेई के पानी को मोड़ दिया है। यह ताबूत में आखिरी कील के अलावा कुछ नहीं है। लोगों को 10 दिनों के बाद सड़कों पर उतरना चाहिए और अगर डीपीआर रद्द नहीं किया गया तो राज्य को पंगु बना देना चाहिए।
सखरदांडे ने कहा कि केंद्र सरकार मामले का संज्ञान तभी लेगी जब लोग आंदोलन को मजबूत बनाएंगे।
एसएमएसजीएफ के सदस्य हृदयनाथ शिरोडकर ने कहा, केंद्र सरकार पूरी तरह से कर्नाटक के पक्ष में है और वह जो चाहे कर रही है। अगर डीपीआर की मंजूरी रद्द नहीं की गई तो हम 10 दिनों के बाद राज्य को पंगु बना देंगे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की कि केंद्र ने उनके राज्य में विवादित कलासा-बंदुरी बांध परियोजना को मंजूरी दे दी है, तब से सेव महादेई सेव गोवा फ्रंट ने राज्य भर में बैठकें शुरू कर दी हैं।
गोवा और कर्नाटक इस समय एक केंद्रीय न्यायाधिकरण में महादेई नदी पर कलासा-बंदुरी बांध परियोजना के विवाद से जूझ रहे हैं।
महादेई कर्नाटक से निकलती है और पणजी में अरब सागर में मिलती है। यह नदी कर्नाटक में 28.8 किमी की दूरी तय करती है, गोवा में इसकी लंबाई 81.2 किमी है।
कर्नाटक सरकार नदी पर बांध बनाने की योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य पानी को उत्तरी कर्नाटक में पानी से भरे मलप्रभा बेसिन की ओर मोड़ना है।
–आईएएनएस
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