नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)। 35 देशों के डेलीगेट और 22 देशों के आर्मी चीफ व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भारत में हैं। यह सभी विदेशी मेहमान ‘इंडो पेसिफिक आर्मीज चीफ कॉन्फ्रेंस’ यानी आईपैक में शामिल होने के लिए भारत आए हैं। हालांकि, इस दौरान भारत ने स्पष्ट किया है हम किसी सैन्य गठबंधन पर विचार नहीं कर रहे हैं।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन एकतरफा अधिकार जताता है। मंगलवार को आईपैक कांफ्रेंस के दौरान भारतीय थल सेना अध्यक्ष ने चीन का नाम लिए बिना कहा, “हम किसी भी तरह के विवाद का शंतिपूर्ण हल चाहते हैं। इसके लिए सभी देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए। लड़ाई से इसका समाधान नहीं हो सकता।”
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का मानना है कि इस सम्मेलन का उद्देश्य किसी को टारगेट करना नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत सभी मसलों के शांतिपूर्ण हल का पक्षधर है। भारतीय सेना अध्यक्ष ने कहा कि भारत बल प्रयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन को मान्यता देता है। हम सभी देशों की संप्रुभता और अखंडता को बनाए रखना चाहते हैं।
दिल्ली में आयोजित हो रहा 13वां इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक यह दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य कांफ्रेंस है। दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में 27 सितंबर तक चलने वाली कॉन्फ्रेंस में भारत, अमेरिका, कनाडा समेत 22 देशों के सैन्य प्रमुख व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल हैं। यहां जनरल पांडे ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य सैन्य सहयोग के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना, सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।
कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के आर्मी चीफ जनरल रैंडी जॉर्ज ने कहा, दुनिया में युद्ध का तरीका बदल रहा है। कॉन्फ्रेंस में शामिल देशों के बीच सैन्य समेत हर स्तर पर सहयोग मजबूत करना होगा। एक-दूसरे के साथ विश्वास बढ़ाना होगा। हमारी एकता-प्रतिबद्धता से संबंध और गहरे होते चले जाएंगे। इंडो-पैसिफिक में स्थिरता के लिए भारतीय और अमेरिकी सेना के बीच साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण है।
जनरल रैंडी जॉर्ज ने कहा कि भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच संबंध मजबूत हैं। यह संबंध लगातार और मजबूत हो रहे हैं। जनरल मनोज पांडे और जनरल जॉर्ज ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को भी संबोधित किया। इस ब्रीफिंग में जनरल जॉर्ज ने कहा, “हमारे सैनिक अपने कौशल को निखार रहे हैं और एक-दूसरे से सीख रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि एक चुनौतीपूर्ण वैश्विक स्थिति में विश्वास और दोस्ती कितनी महत्वपूर्ण है। सुरक्षा वातावरण, अच्छे सहयोगियों और साझेदारों का होना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।”
जनरल जॉर्ज ने कहा कि हम एक चुनौतीपूर्ण रणनीतिक माहौल का सामना कर रहे हैं, लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। हमने अतीत में चुनौतियों पर काबू पाया है और हम भविष्य में भी मिलकर उन पर काबू पायेंगे।
जनरल मनोज पांडे ने कहा कि इस वर्ष के आयोजन का विषय शांति, स्थिरता है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता एक सुरक्षित, स्थिर, मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक के विचार से गहराई से मेल खाती है, जो सभी देशों के विकास के अवसर प्रदान करता है।
गौरतलब है कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए 35 देशों के प्रतिनिधि 25 से 27 सितंबर, 2023 तक नई दिल्ली में हैं। इस मंच का केंद्रीय विषय है ‘शांति के लिए एक साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना।’ सुरक्षा और समसामयिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करना।
–आईएएनएस
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