प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 30 जनवरी (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने झांसी जिले की नंदिनी सचान द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री का प्रचार करने का आरोप लगाने वाली एक प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी।
31 मई, 2022 को झांसी जिले के नवाबाद थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की गई, इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की पीठ ने कहा, सोशल मीडिया विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक वैश्विक मंच है। इंटरनेट और सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गए हैं, जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारियां व कर्तव्य भी जुड़े हैं।
यह नागरिकों को जिम्मेदारी के बिना बोलने का अधिकार प्रदान नहीं करता है और न ही यह अभद्र भाषा के लिए लाइसेंस प्रदान करता है।
आरोपी ने कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है। उसने आरोप लगाया कि रंजिश के तहत उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
हालांकि राज्य सरकार के वकील ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि जांच में यह सामने आया है कि आवेदक सहित कुछ व्यक्ति उपरोक्त अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।
–आईएएनएस
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