सतना, देशबन्धु. कचेहरी परिसर में स्टाम्प विक्रेता कालाबजारी करते है और मंहगे दामों में स्टाम्प देते है. सूत्र बताते है कि 20 रूपये का स्टाम्प 30 रूपये में, 50 रूपये का स्टाम्प 70 से 80 रूपये में तथा 100 रूपये का स्टाम्प 130 रूपये से लेकर 150 रूपये में दे रहें हैं.
स्टाम्पों की यह कालाबजारी लम्बे अर्से से कचेहरी परिसर में स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा की जा रही है और कई बार संबंधित विभाग प्रमुखों को जानकारियां देते हुये शिकायत भी की गई, लेकिन आज दिनांक तक रवैया जस का तस है और स्टाम्प विक्रेता धड़ल्ले से स्टाम्प की बिक्री मंहगे दामों पर कर रहे है.
अधिक दामों में क्यों
न्यायालय क्षेत्र में वकालत करने वाले एडवोकेट और पेशकारों सहित मुअक्किल बताते है कि स्टाम्पों की कालाबजारी यहां काफी अर्से से की जा रही है. यह हर कोई यहां न्यायालयीन काम करने वाला जानता है और वाकिफ हैं. जानकार बताते है कि ऑनलाइन स्टाम्पो चाहे वह पचास रूपये का हो या सौ रूपये से लेकर दस, बीस रूपये के स्टाम्प हो उनके दाम अधिक लिए जाते है. जबकि ऑनलाइन स्टाम्पों को मंहगे दामों में स्टामप विक्रेताओं व कम्प्युटर से टाइप करने वाले दुकानदारों को नहीं देना चाहिए.
बैक डेट के और मंहगे
जानकारों की माने तो अगर आपको बैक डेट में स्टाम्प में कुछ लिखा पढ़ी करवानी है और स्टाम्प लेना है तो फिर मुंह मांगी कीमत देनी पड़ेगी. यही तो काली कमाई है. अगर 500 रूपये के स्टाम्प की जरूरत है तो मान लीजिए की आपको 2000 रूपये से लेकर 3 या 4 हजार रूपये देने पड़ सकते है अगर आपको काम करवाना है और लिखा पढ़ी करवानी है. फिर आवेदक मरते क्या न करते इतने मंहगे दामों में ही स्टाम्प खरीदने को मजबूर हो जाते है.