देहरादून, 4 जुलाई (आईएएनएस)। हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए साल 2016 में उनका एक स्टिंग सामने आने के बाद प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया था। इस बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने कांग्रेस नेता हरीश रावत को नोटिस दिया था। जिसके बाद हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और खानपुर विधायक उमेश कुमार के वकील मंगलवार को सीबीआई कोर्ट में पेश हुए।
उत्तराखंड के बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण में सीबीआई स्पेशल जज धर्मेंद्र सिंह अधिकारी की कोर्ट में मंगलवार को पूर्व सीएम हरीश रावत समेत तीन नेताओं के अधिवक्ता पेश हुए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 15 जुलाई की अगली तारीख तय की है। सभी को 15 जुलाई को अपना जवाब दाखिल करना होगा।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में वायस सैंपल लेने के लिए सीबीआई ने चार नेताओं को नोटिस जारी किए थे। इनमें हरीश रावत, हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग करने वाले और खानपुर विधायक उमेश कुमार शामिल हैं।
साल 2016 में मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, जिसमें वो कथित तौर पर विधायकों को कुछ लेने-देने की बात करते हुए दिखाई दे रहे थे। इसके बाद उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ गया था। आरोप लगा था कि यह स्टिंग ऑपरेशन उत्तराखंड की खानपुर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक और पूर्व पत्रकार उमेश कुमार ने किया था। इसी दौरान एक और स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और हरक सिंह रावत के शामिल होने का दावा किया गया था।
इस स्टिंग के सामने आने के बाद देहरादून से लेकर दिल्ली तक मामला काफी गरमा गया था। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। मामले में सीबीआई ने शिकायत दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की थी।
हालांकि, सीबीआई इस मामले में काफी समय से शांत थी। लेकिन, अचानक एक हफ्ते पहले ही तमाम नेताओं को नोटिस थमाए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक मदन बिष्ट, उमेश कुमार को कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 7 जुलाई को पेश होने के लिए कहा था। लेकिन, अधिवक्ताओं ने 15 जुलाई की अगली तारीख का आग्रह किया। इस आग्रह को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 15 जुलाई को तमाम नेताओं को बुलाया है। बताया जा रहा है कि सीबीआई तमाम नेताओं के वॉयस सैंपल लेने के साथ-साथ उनसे पूछताछ भी करेगी।
–आईएएनएस
स्मिता/एबीएम