सिहोरा. जबलपुर स्वच्छता मिशन, जिले की सिहोरा तहसील से महज 10 किमी दूर यह गांव से भले ही पक्की सड़क से जुड़ा है लेकिन यहां की स्वच्छता व्यवस्था बेपटरी है सरकार एक तरफ तो स्वच्छ भारत अभियान चला कर स्वच्छता रखने का संदेश देने के लिए प्रचार और संचार माध्यमो में करोड़ो खर्च कर रही है. लेकिन पंचायत के प्रतिनिधियों और सचिव ने ग्रामीणों से साफ कह दिया कि पंचायत में सफाई कराने एक भी रुपये नही है जिससे काम कर सके.
जबकि इस गांव की हर गली में कीचड़ ही कीचड़ है जिसमे चलने के लिए लोगों को कदम रखने के लिए जगह ढूंढना पड़ता है. जिले का शायद यही एक मात्र गांव है जिसमें न तो नालियों के पानी की निकासी व्यवस्था है और यहां पर स्वच्छता के लिए कभी कोई प्रयास भी नही किये जाते हैं. जबकि इसी क्षेत्र से भाजपा के विधायक दो बार मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन इस गांव के हालात जस के तस हैं. ऐसे में कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि विकास कितनी तेजी से किया गया है.
जबलपुर जिला की सिहोरा तहसील से महज 10 किमी दूर ग्राम पंचायत हरदुआ कला है जो मझौली- पाटन विधानसभा क्षेत्र में आती है. ग्राम के ही गुड्डू उपाध्याय, अर्जुन पटेल, ने बताया कि गांव में स्वच्छता संबन्धी हालात इतने बुरे हैं कि कोई भी व्यक्ति यहां के रास्ते गुजरता है तो उसे कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. जबकि पैदल चलने वालों के लिए यहां के रास्ते मे कदम रखने के लिए जगह ढूंढनी पड़ती है जिसके बाद भी वह कीचड़ भरे रास्ते से निकलने में गन्दा हो ही जाता है.
लेकिन ग्राम पंचायत हरदुआ द्वारा नाली नही बनाई गई न ही गन्दे पानी की निकासी के लिए कोई समुचित व्यवस्था की गई है जबकि हर मुहल्ले में सोखपिट बनाकर कीचड़ से मुक्ति दिलाई जा सकती है जिसके कारण यह पानी पानी सड़क पर फैलता है और पक्की रोड भी उखड़ कर गड्डों में तब्दील हो जाती है.
जिससे यहां की गलियों में हमेशा बरसात जैसे स्थिति बनी रहती है और घरों का गंदा पानी भी गलियों में भरा रहता है और सड़ांध मारता है. जबकि देखा जाए तो यहां के लोगों को भी गन्दगी में रहने की आदत से बन गयी है जो गन्दे पानी को रास्ता में बहाने के बाद कोई भी इंतजाम पंचायत द्वारा नही करते हैं और उन्ही कीचड़ भरे रास्तों से निकल कर अपने रोजमर्रा के काम करते रहते हैं.
कीचड़ से सनी गलियां
ग्राम की संगीता राय, वर्षा, बर्मन, अनिता आदि ने बताया की हरदुआ कला कीचड़ से सनी गलियों में दिन भर वाहनों का आवागमन होता है लेकिन गांव की सड़क का तो पता नही बल्कि सड़क की जगह कीचड़ के दलदल से हो कर रहेगीरों को गुजरना पड़ता है. कभी कभी तो जल्दबाजी में कई बाइक सवार यहां पर फिसल कर गिरते भी रहते हैं.
इस गांव में जिस तरह से गन्दगी है उससे कोई भी संक्रामक बीमारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है जिसके बाद भी यहां के लोगों या ग्राम पंचायत द्वारा कभी भी कोई प्रयास नही किये जाते हैं जिससे ग्राम में स्वच्छता बनी रहे . ज्ञात हो कि इसी क्षेत्र से भाजपा के विधायक दो बार मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन इन गांवो का विकास सिर्फ कागजी घोषणाओं तक ही सिमट कर रह गया है.