नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। पीएम मोदी के 74वें जन्मदिन के बाद से ही देशभर में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। ऐसे में 10 साल पूरे होने स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) देश भर में स्वच्छता से जुड़ी कई कहानियों को बयां कर रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल के दौरान लोगों और समाज के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव आए हैं। कर्नाटक के कलबुर्गी जिले का शिवाजी नगर इसकी बड़ी मिसाल है। शिवाजी नगर के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) ने लगातार छह बार कायाकल्प पुरस्कार जीता है। इस साल भी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कायाकल्प पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है।
अस्पताल के कर्मचारियों और स्वास्थ्य पेशेवरों को इस बार भी कायाकल्प पुरस्कार मिलने का भरोसा है। कलबुर्गी जिले के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. संध्या रानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कायाकल्प पुरस्कार की अवधारणा को समझाया और साल 2017 से हर साल मिलने वाले इस सम्मान को लेकर खुशी जाहिर की।
उन्होंने कहा, “हमें साल 2017 से लगातार छठी बार गुलबर्गा डिवीजन में पुरस्कार मिला है। कायाकल्प पुरस्कार एक मान्यता है, जिसमें अस्पतालों को हर समय स्वच्छ और साफ रहने की परिकल्पना की गई है। कोई भी मरीज बीमारी को बाहर न ले जाए, कायाकल्प के मिशन का एक प्रमुख फोकस है।”
उन्होंने कहा, “पुरस्कार प्राप्तकर्ता को सालाना दो लाख रुपये मिलते हैं और सालाना आधार पर डॉक्टरों की एक टीम द्वारा अस्पताल परिसर का निरीक्षण भी किया जाता है।”
यूपीएचसी में स्वास्थ्य निरीक्षक के रूप में काम करने वाले महमूद सेन ने कहा कि सुविधाएं बेहतर हैं और लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हैं। अस्पताल में साफ-सुथरा माहौल मरीजों के लिए एक अतिरिक्त लाभकारी है।
पिछले 11 सालों तक किसी अन्य गांव के केंद्र में काम करने के बाद कलबुर्गी यूपीएचसी में ट्रांसफर होकर आईं नफीसा बेगम ने कहा कि यहां पहले काम करने वाले गांव की तुलना में बेहतर सुविधा है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “सफाई और स्वच्छता एक बड़ी प्राथमिकता है। मरीज भी स्वच्छ परिस्थितियों में बेहतर महसूस करते हैं। मैं मोदी सरकार को बताना चाहती हूं कि हम इस सपने को साकार करने में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाएंगे।”
कायाकल्प पुरस्कार भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को दिया जाने वाला एक पुरस्कार है, जो स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण के उच्च स्तर को प्रदर्शित करता है। यह पुरस्कार स्वच्छ भारत मिशन के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।
यह पुरस्कार प्रत्येक राज्य में दो सर्वश्रेष्ठ जिला अस्पतालों, दो सर्वश्रेष्ठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों या उप जिला अस्पतालों और प्रत्येक जिले में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को दिया जाता है। पुरस्कार के लिए अस्पताल की योग्यता तय करने वाले मापदंडों में अस्पताल या सुविधा का रखरखाव, संक्रमण नियंत्रण और अन्य कुछ जरूरी शर्तें शामिल हैं।
–आईएएनएस
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