स्टॉकहोम, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वीडन में रेस्पिरेटरी सिंसिसियल वायरस (आरएसवी) के मामलों में मौजूदा उछाल ने पहले ही देश में कम से कम एक बाल चिकित्सा वार्ड की क्षमता को प्रभावित कर दिया है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
स्वीडन की पब्लिक हेल्थ एजेंसी के एक महामारी विज्ञानी अन्नासारा कार्नाहन ने गुरुवार को डैगेन्स न्येथर (डीएन) अखबार को बताया, हम इसमें तेजी से वृद्धि देख रहे हैं, ये लहर इस बार पहले आ गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वृद्धि से स्वास्थ्य अधिकारी सकते में हैं। लगातार दूसरी सर्दियों में मामलों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है।
कार्नाहन ने डीएन को बताया, जब कोई (कोविड-19) महामारी नहीं है, तो आमतौर पर हर दो साल में एक पैटर्न होता है, जिसमें एक प्रमुख महामारी एक सर्दी में आती है। यह पैटर्न (कोविड-19) महामारी के दौरान बाधित हो गया था।
एक आरएसवी संक्रमण अक्सर कॉमन सर्दी, खांसी का ही लक्षण है, लेकिन कार्नाहन ने कहा कि यह मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा, सबसे छोटे बच्चों के लिए जो पहले संक्रमित नहीं हुए हैं, यह मुश्किल हो सकता है, विशेष रूप से चिपचिपे बलगम के कारण जो बच्चों के लिए खाने और सांस लेने में मुश्किल पैदा कर सकता है।
डीएन ने बताया कि, महामारी से संक्रमित बच्चे इमरजेंसी वाडरें और बाल चिकित्सा अस्पतालों में सामान्य से अधिक संख्या में आ रहे हैं।
आरएसवी मुख्य रूप से छोटे बच्चों में फैलता है। दो वर्ष की आयु के अधिकांश बच्चे संक्रमित होने के बाद वायरस के प्रति एंटीबॉडी विकसित कर लेते हैं। हालांकि, एंटीबॉडी स्थायी प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।
स्वीडिश पब्लिश हेल्थ एजेंसी के अनुसार, गंभीर श्वसन लक्षणों में ऑक्सीजन के साथ उपचार की आवश्यकता हो सकती है और कुछ मामलों में वेंटिलेटर उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
–आईएएनएस
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