नई दिल्ली,18 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पारित हो गया है। बिल पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
हंगामा बढ़ने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
–आईएएनएस
एसटीपी/एबीएम
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नई दिल्ली,18 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पारित हो गया है। बिल पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
हंगामा बढ़ने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
हंगामा बढ़ने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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नई दिल्ली,18 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पारित हो गया है। बिल पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
हंगामा बढ़ने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी दलों द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भी चर्चा में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही को 2:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
हालांकि, पीठासीन सभापति के नाम पुकारने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने बहस में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में ‘डाकघर बिल-2023’ पर हुई चर्चा का जवाब भी सदन में दिया।
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इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच ‘डाकघर बिल-2023’ पर चर्चा भी हुई, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और बसपा के सांसदों ने हिस्सा लिया और हंगामे के बीच ही सदन में अपना-अपना भाषण दिया।
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