मुंबई, 16 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी से आग्रह किया कि वे महाराष्ट्र में विभिन्न स्थानों पर हज यात्रियों के लिए यात्रा बिंदुओं पर देय शुल्क में विसंगतियों को दूर करें।
पवार ने ईरानी को लिखे पत्र में कहा कि इस साल भारत के 22 हवाई अड्डों में से, मुंबई, औरंगाबाद और नागपुर को हज 2023 तीर्थयात्रा सीजन के लिए ईपी के रूप में चुना गया है।
हालांकि, औरंगाबाद में देय ईपी शुल्क में काफी विसंगतियां हैं, जो मुंबई में देय ईपी शुल्क से लगभग 88,000 रुपये अधिक है। पवार ने कहा, यह विशेष रूप से मराठवाड़ा और महाराष्ट्र के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के अविकसित क्षेत्रों से हज यात्रियों पर भारी बोझ डालता है।
उन्होंने कहा कि पूरे मराठवाड़ा के लोगों ने इन अंधाधुंध आरोपों के खिलाफ आवाज उठाई है और अनुरोध किया है कि इसे मुंबई ईपी शुल्कों के बराबर बनाया जाना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मुद्दे को सबसे पहले राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एम.ए. नसीम खान ने उजागर किया था। उन्होंने हज तीर्थ यात्रा के लिए इस साल के कोटा को कम करने के लिए केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना की थी।
15 मई को विपक्ष के नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखा था कि हज 2023 तीर्थयात्रियों पर नागपुर से भारी ईपी शुल्क लगाया जा रहा है, जो मुंबई की तुलना में 63,000 रुपये से अधिक है।
अजित पवार ने मांग की कि या तो तीर्थयात्रियों को इन उच्च शुल्कों पर छूट दी जानी चाहिए, या उन्हें अपने ईपी के रूप में मुंबई फिर से आवंटित किया जाना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में खान ने कहा है कि पहले भारत की हज समिति को दिया गया तीर्थयात्री कोटा 200,000 से अधिक था, लेकिन अब इसे घटाकर लगभग 150,000 कर दिया गया है। और बाकी हज कोट निजी टूर ऑपरेटरों को दिया गया है जो प्रति तीर्थयात्री 500,000 रुपये से 10,00,000 रुपये तक की अत्यधिक राशि वसूल रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने देश में विभिन्न ईपी से तीर्थयात्रा के लिए अलग और अनुचित राशि वसूलने के एचसीआई के फैसले पर भी सवाल उठाया और मुंबई से 3,04,843 रुपये, नागपुर से 3,67,044 रुपये और औरंगाबाद से 3,92,738 रुपये वसूले गए।
खान ने दावा किया कि तीर्थयात्रियों को 2019 से पहले दिए गए कुबार्नी और अदाही शुल्क जैसे अन्य लाभों से भी वंचित किया जा रहा है, लेकिन जब उन्होंने इस मामले को एचसीआई के सदस्यों के सामने उठाया तो उन्होंने अधिकार की कमी की जानकारी दी क्योंकि उनकी सभी शक्तियों को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा वापस ले लिया गया था।
खान ने प्रधानमंत्री से अपील की कि इससे महाराष्ट्र और पूरे भारत में तीर्थयात्रियों और मुस्लिम समुदाय में रोष है। मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से मामले को देखने और संबंधित मंत्रालय को उचित दिशा-निर्देश देने का अनुरोध करता हूं।
शरद पवार ने इसी मुद्दे पर राज्य राकांपा के युवा अध्यक्ष महबूब शेख और बीड के विधायक संदीप क्षीरसागर का प्रतिनिधित्व भी भेजा और ईरानी से ईपी को कम करने का आग्रह किया।
वार्षिक हज-2023 तीर्थयात्रा 26 जून से शुरू होने जा रही है और पूरे भारत में विभिन्न ईपी से सऊदी अरब के लिए पहली उड़ान 21 मई को उड़ान भरेगी।
–आईएएनएस
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