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Home ताज़ा समाचार

हमारे समूह पर हुए हमलों ने हमें मजबूत बनाया है : गौतम अदाणी

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November 30, 2024
in ताज़ा समाचार
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जयपुर, 30 नवंबर (आईएएनएस)। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शनिवार को कहा कि अदाणी ग्रुप पर होने वाला हर हमला समूह को और मजबूत बनाता है तथा हर बाधा एक सीढ़ी बन जाती है।

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राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी अवॉर्ड्स शो के दौरान गौतम अदाणी ने पहली बार अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग के पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब हमें ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मैं आपको बता सकता हूं कि हर हमला हमें मजबूत बनाता है और हर बाधा अदाणी समूह के लिए एक सीढ़ी बन जाती है।”

गौतम अदाणी ने बताया कि किस तरह उनकी “राष्ट्र निर्माण की सोच” ने उन्हें विरोधियों के निशाने पर रखा है। साल 2010 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “जब हम ऑस्ट्रेलिया में एक कोयला खदान में निवेश कर रहे थे, तो हमारा उद्देश्य स्पष्ट था, भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में सुरक्षित कैसे बनाया जाए और हर दो टन खराब गुणवत्ता वाले भारतीय कोयले को ऑस्ट्रेलिया के एक टन उच्च गुणवत्ता वाले कोयले से बदला जाए? हालांकि, गैर-सरकारी संगठनों का बड़ा विरोध था और यह लगभग एक दशक तक चला। अब हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में एक वर्ल्ड क्लास ऑपरेशनल खदान है। तथ्य यह है कि शत-प्रतिशत इक्विटी फंडिंग ने हमारी ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट से 30 अरब डॉलर से अधिक का लोन फाइनेंस छीन लिया है।”

गौतम अदाणी ने जनवरी 2023 में समूह के खिलाफ शॉर्ट-सेलिंग का भी उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि जब उनका समूह अपनी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था, तब उन पर दोहरी मार पड़ी थी – उनकी वित्तीय स्थिरता को निशाना बनाया गया और उनके नाम पर राजनीतिक विवाद खड़ा किया गया।

उन्होंने कहा, “लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत बनी रही। भारत के अब तक के सबसे बड़े एफपीओ से सफलतापूर्वक 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने के बाद हमने उन रुपयों को निवेशकों को वापस लौटाने का असाधारण निर्णय लिया। इसके बाद हमने कई अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से पूंजी जुटाकर और सक्रिय रूप से अपने ऋण-ईबीआईटीडीए अनुपात को 2.5 से कम करके ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में एक अविश्वसनीय मीट्रिक पेश किया।”

गौतम अदाणी ने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग के मामले में तथ्य यह है कि बहुत सारी एकतरफा रिपोर्टिंग के बावजूद “अदाणी पक्ष के किसी भी व्यक्ति पर” एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया है। फिर भी, आज की दुनिया में नकारात्मकता तेजी से फैलती है।

उन्होंने कहा, “इन वर्षों में, मैं यह स्वीकार करता आया हूं कि जिन बाधाओं का हम सामना करते हैं, वे (दूसरों से) आगे होने की कीमत हैं। आपके सपने जितने बोल्ड होंगे, दुनिया आपको उतना ही अधिक परखेगी। लेकिन, आपको आगे बढ़ने, यथास्थिति को चुनौती देने और एक ऐसा रास्ता बनाने का साहस मिलना चाहिए जिस पर पहले कभी कोई न चला हो। पायनियरिंग करने का अर्थ है अज्ञात को अपनाना, सीमाओं को तोड़ना और अपने दृष्टिकोण पर तब भी विश्वास करना जब दुनिया इसे अभी तक नहीं समझ पाई हो।”

–आईएएनएस

एकेजे/

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जयपुर, 30 नवंबर (आईएएनएस)। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शनिवार को कहा कि अदाणी ग्रुप पर होने वाला हर हमला समूह को और मजबूत बनाता है तथा हर बाधा एक सीढ़ी बन जाती है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी अवॉर्ड्स शो के दौरान गौतम अदाणी ने पहली बार अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग के पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब हमें ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मैं आपको बता सकता हूं कि हर हमला हमें मजबूत बनाता है और हर बाधा अदाणी समूह के लिए एक सीढ़ी बन जाती है।”

गौतम अदाणी ने बताया कि किस तरह उनकी “राष्ट्र निर्माण की सोच” ने उन्हें विरोधियों के निशाने पर रखा है। साल 2010 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “जब हम ऑस्ट्रेलिया में एक कोयला खदान में निवेश कर रहे थे, तो हमारा उद्देश्य स्पष्ट था, भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में सुरक्षित कैसे बनाया जाए और हर दो टन खराब गुणवत्ता वाले भारतीय कोयले को ऑस्ट्रेलिया के एक टन उच्च गुणवत्ता वाले कोयले से बदला जाए? हालांकि, गैर-सरकारी संगठनों का बड़ा विरोध था और यह लगभग एक दशक तक चला। अब हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में एक वर्ल्ड क्लास ऑपरेशनल खदान है। तथ्य यह है कि शत-प्रतिशत इक्विटी फंडिंग ने हमारी ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट से 30 अरब डॉलर से अधिक का लोन फाइनेंस छीन लिया है।”

गौतम अदाणी ने जनवरी 2023 में समूह के खिलाफ शॉर्ट-सेलिंग का भी उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि जब उनका समूह अपनी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था, तब उन पर दोहरी मार पड़ी थी – उनकी वित्तीय स्थिरता को निशाना बनाया गया और उनके नाम पर राजनीतिक विवाद खड़ा किया गया।

उन्होंने कहा, “लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत बनी रही। भारत के अब तक के सबसे बड़े एफपीओ से सफलतापूर्वक 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने के बाद हमने उन रुपयों को निवेशकों को वापस लौटाने का असाधारण निर्णय लिया। इसके बाद हमने कई अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से पूंजी जुटाकर और सक्रिय रूप से अपने ऋण-ईबीआईटीडीए अनुपात को 2.5 से कम करके ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में एक अविश्वसनीय मीट्रिक पेश किया।”

गौतम अदाणी ने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग के मामले में तथ्य यह है कि बहुत सारी एकतरफा रिपोर्टिंग के बावजूद “अदाणी पक्ष के किसी भी व्यक्ति पर” एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया है। फिर भी, आज की दुनिया में नकारात्मकता तेजी से फैलती है।

उन्होंने कहा, “इन वर्षों में, मैं यह स्वीकार करता आया हूं कि जिन बाधाओं का हम सामना करते हैं, वे (दूसरों से) आगे होने की कीमत हैं। आपके सपने जितने बोल्ड होंगे, दुनिया आपको उतना ही अधिक परखेगी। लेकिन, आपको आगे बढ़ने, यथास्थिति को चुनौती देने और एक ऐसा रास्ता बनाने का साहस मिलना चाहिए जिस पर पहले कभी कोई न चला हो। पायनियरिंग करने का अर्थ है अज्ञात को अपनाना, सीमाओं को तोड़ना और अपने दृष्टिकोण पर तब भी विश्वास करना जब दुनिया इसे अभी तक नहीं समझ पाई हो।”

–आईएएनएस

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जयपुर, 30 नवंबर (आईएएनएस)। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शनिवार को कहा कि अदाणी ग्रुप पर होने वाला हर हमला समूह को और मजबूत बनाता है तथा हर बाधा एक सीढ़ी बन जाती है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी अवॉर्ड्स शो के दौरान गौतम अदाणी ने पहली बार अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग के पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब हमें ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मैं आपको बता सकता हूं कि हर हमला हमें मजबूत बनाता है और हर बाधा अदाणी समूह के लिए एक सीढ़ी बन जाती है।”

गौतम अदाणी ने बताया कि किस तरह उनकी “राष्ट्र निर्माण की सोच” ने उन्हें विरोधियों के निशाने पर रखा है। साल 2010 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “जब हम ऑस्ट्रेलिया में एक कोयला खदान में निवेश कर रहे थे, तो हमारा उद्देश्य स्पष्ट था, भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में सुरक्षित कैसे बनाया जाए और हर दो टन खराब गुणवत्ता वाले भारतीय कोयले को ऑस्ट्रेलिया के एक टन उच्च गुणवत्ता वाले कोयले से बदला जाए? हालांकि, गैर-सरकारी संगठनों का बड़ा विरोध था और यह लगभग एक दशक तक चला। अब हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में एक वर्ल्ड क्लास ऑपरेशनल खदान है। तथ्य यह है कि शत-प्रतिशत इक्विटी फंडिंग ने हमारी ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट से 30 अरब डॉलर से अधिक का लोन फाइनेंस छीन लिया है।”

गौतम अदाणी ने जनवरी 2023 में समूह के खिलाफ शॉर्ट-सेलिंग का भी उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि जब उनका समूह अपनी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था, तब उन पर दोहरी मार पड़ी थी – उनकी वित्तीय स्थिरता को निशाना बनाया गया और उनके नाम पर राजनीतिक विवाद खड़ा किया गया।

उन्होंने कहा, “लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत बनी रही। भारत के अब तक के सबसे बड़े एफपीओ से सफलतापूर्वक 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने के बाद हमने उन रुपयों को निवेशकों को वापस लौटाने का असाधारण निर्णय लिया। इसके बाद हमने कई अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से पूंजी जुटाकर और सक्रिय रूप से अपने ऋण-ईबीआईटीडीए अनुपात को 2.5 से कम करके ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में एक अविश्वसनीय मीट्रिक पेश किया।”

गौतम अदाणी ने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग के मामले में तथ्य यह है कि बहुत सारी एकतरफा रिपोर्टिंग के बावजूद “अदाणी पक्ष के किसी भी व्यक्ति पर” एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया है। फिर भी, आज की दुनिया में नकारात्मकता तेजी से फैलती है।

उन्होंने कहा, “इन वर्षों में, मैं यह स्वीकार करता आया हूं कि जिन बाधाओं का हम सामना करते हैं, वे (दूसरों से) आगे होने की कीमत हैं। आपके सपने जितने बोल्ड होंगे, दुनिया आपको उतना ही अधिक परखेगी। लेकिन, आपको आगे बढ़ने, यथास्थिति को चुनौती देने और एक ऐसा रास्ता बनाने का साहस मिलना चाहिए जिस पर पहले कभी कोई न चला हो। पायनियरिंग करने का अर्थ है अज्ञात को अपनाना, सीमाओं को तोड़ना और अपने दृष्टिकोण पर तब भी विश्वास करना जब दुनिया इसे अभी तक नहीं समझ पाई हो।”

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राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी अवॉर्ड्स शो के दौरान गौतम अदाणी ने पहली बार अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग के पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब हमें ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मैं आपको बता सकता हूं कि हर हमला हमें मजबूत बनाता है और हर बाधा अदाणी समूह के लिए एक सीढ़ी बन जाती है।”

गौतम अदाणी ने बताया कि किस तरह उनकी “राष्ट्र निर्माण की सोच” ने उन्हें विरोधियों के निशाने पर रखा है। साल 2010 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “जब हम ऑस्ट्रेलिया में एक कोयला खदान में निवेश कर रहे थे, तो हमारा उद्देश्य स्पष्ट था, भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में सुरक्षित कैसे बनाया जाए और हर दो टन खराब गुणवत्ता वाले भारतीय कोयले को ऑस्ट्रेलिया के एक टन उच्च गुणवत्ता वाले कोयले से बदला जाए? हालांकि, गैर-सरकारी संगठनों का बड़ा विरोध था और यह लगभग एक दशक तक चला। अब हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में एक वर्ल्ड क्लास ऑपरेशनल खदान है। तथ्य यह है कि शत-प्रतिशत इक्विटी फंडिंग ने हमारी ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट से 30 अरब डॉलर से अधिक का लोन फाइनेंस छीन लिया है।”

गौतम अदाणी ने जनवरी 2023 में समूह के खिलाफ शॉर्ट-सेलिंग का भी उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि जब उनका समूह अपनी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था, तब उन पर दोहरी मार पड़ी थी – उनकी वित्तीय स्थिरता को निशाना बनाया गया और उनके नाम पर राजनीतिक विवाद खड़ा किया गया।

उन्होंने कहा, “लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत बनी रही। भारत के अब तक के सबसे बड़े एफपीओ से सफलतापूर्वक 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने के बाद हमने उन रुपयों को निवेशकों को वापस लौटाने का असाधारण निर्णय लिया। इसके बाद हमने कई अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से पूंजी जुटाकर और सक्रिय रूप से अपने ऋण-ईबीआईटीडीए अनुपात को 2.5 से कम करके ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में एक अविश्वसनीय मीट्रिक पेश किया।”

गौतम अदाणी ने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग के मामले में तथ्य यह है कि बहुत सारी एकतरफा रिपोर्टिंग के बावजूद “अदाणी पक्ष के किसी भी व्यक्ति पर” एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया है। फिर भी, आज की दुनिया में नकारात्मकता तेजी से फैलती है।

उन्होंने कहा, “इन वर्षों में, मैं यह स्वीकार करता आया हूं कि जिन बाधाओं का हम सामना करते हैं, वे (दूसरों से) आगे होने की कीमत हैं। आपके सपने जितने बोल्ड होंगे, दुनिया आपको उतना ही अधिक परखेगी। लेकिन, आपको आगे बढ़ने, यथास्थिति को चुनौती देने और एक ऐसा रास्ता बनाने का साहस मिलना चाहिए जिस पर पहले कभी कोई न चला हो। पायनियरिंग करने का अर्थ है अज्ञात को अपनाना, सीमाओं को तोड़ना और अपने दृष्टिकोण पर तब भी विश्वास करना जब दुनिया इसे अभी तक नहीं समझ पाई हो।”

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