इंदौर, 17 अगस्त (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने यात्रा से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और कहा कि यह यात्रा नफरत के माहौल और लोकतंत्र पर खतरे के बीच देश में एकता और भाईचारे का संदेश देने के लिए निकाली गई थी।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह एक ऐतिहासिक पहल थी, जिसका उद्देश्य भारत को जोड़ना, समाज में बढ़ती नफरत को खत्म करना और लोकतंत्र को मजबूत करना था।
कार्यक्रम के बाद दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है, लेकिन उसे राहुल गांधी और विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देना चाहिए। हमारी सीधी मांग है कि हमें देश की मतदाता सूची की सॉफ्ट कॉपी दी जाए ताकि हम यह सत्यापित कर सकें कि किसी व्यक्ति का नाम कई बार या अलग-अलग पहचान के साथ दर्ज तो नहीं है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कई राज्यों में बिना उचित कारणों के लाखों वोटर डिलीट किए गए हैं, लेकिन चुनाव आयोग इस पर पारदर्शी जानकारी नहीं दे रहा।
उन्होंने कहा, “बिहार में करीब 65 लाख वोटर के नाम डिलीट किए गए हैं। आखिर क्यों? किनके नाम हटाए गए, इसकी सूची सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है?”
दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बजाय देश के नागरिकों और विपक्षी नेताओं के सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने पूछा, “अगर कुछ गलत नहीं है, तो सभी वोटर्स की सूची की सॉफ्ट कॉपी सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही?”
उन्होंने रविवार को शुरू हुई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का भी जिक्र किया, जिसे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में शुरू किया गया है। उन्होंने इसके लिए दोनों नेताओं को बधाई दी और इस यात्रा की तुलना महात्मा गांधी के नमक आंदोलन से की। दिग्विजय सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत को हटाने के लिए नमक आंदोलन शुरू किया था।
–आईएएनएस
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