नई दिल्ली, 7 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार के 10 साल पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दिया गया एक वक्तव्य बुधवार को राज्यसभा में पढ़ा। संसद में दिया गया मनमोहन सिंह का वक्तव्य था, “सदस्य गण जानते हैं कि हमारी ग्रोथ धीमी हो गई है और फिजिकल डेफिसिट बढ़ गया है। महंगाई दर बीते 2 वर्षों से लगातार बढ़ रही है, करंट अकाउंट डेफिसिट हमारी उम्मीदों से कहीं अधिक हो चुका है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक और अन्य वक्तव्य दोहराया, जिसमें मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार के समय कहा था, “देश में व्यापक गुस्सा है। पब्लिक ऑफिस के दुरुपयोग को लेकर भारी गुस्सा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उस समय भ्रष्टाचार को लेकर पूरा देश सड़कों पर था। गली-गली में आंदोलन चल रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए शासनकाल में दिए गए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक अन्य वक्तव्य में कहा था, “टैक्स कलेक्शन में भ्रष्टाचार होता है, इसके लिए जीएसटी लाना चाहिए। राशन की योजना में लीकेज होती है, जिस देश का गरीब सबसे अधिक पीड़ित है। इसको रोकने के लिए उपाय खोजने होंगे। सरकारी ठेके जैसे दिए जा रहे हैं, उस पर शक होता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने राजीव गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि एक और पूर्व प्रधानमंत्री का वक्तव्य है कि दिल्ली से एक रुपया जाता है और केवल 15 पैसा पहुंचता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीमारी का पता था लेकिन सुधार करने की तैयारी नहीं थी। आज बातें तो बड़ी-बड़ी की जा रही है, कांग्रेस के 10 साल का शासन देखा जाए तो देश की अर्थव्यवस्था दुनिया भर में फ्रेजाइल फाइव में थी। जबकि हमारे 10 वर्ष टॉप फाइव इकोनामी वाले हैं।
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम देश को कठिन दौर से बहुत मेहनत करके सोच समझकर कर संकट से बाहर लाए हैं। इस सदन में अंग्रेजों को याद किया गया। मैं पूछना चाहता हूं कि अंग्रेजों से कौन प्रभावित था। मैं यह नहीं पूछूंगा कि कांग्रेस पार्टी को जन्म किसने दिया था। आजादी के बाद भी देश में गुलामी की मानसिकता को किसने बढ़ावा दिया।
उन्होंने कांग्रेस से प्रश्न किया कि अंग्रेजों की बनाई दंड संहिता आपने क्यों नहीं बदली। अंग्रेजों के जमाने के बनाए गए सैकड़ों कानून क्यों चलाते रहे। उन्होंने कहा कि लाल बत्ती कल्चर इतने समय बाद भी क्यों चलता रहा। उन्होंने कहा कि भारत का बजट शाम को 5 बजे इसलिए आता था क्योंकि तब सुबह ब्रिटिश पार्लियामेंट के शुरू होने का समय होता था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आप अंग्रेजों से प्रभावित नहीं थे तो हमारी सेनाओं के प्रतीक चिह्नों पर गुलामी के प्रतीक क्यों बने हुए थे। अब हम एक के बाद इन चिह्नों को हटा रहे हैं। अगर आप अंग्रेजों से प्रेरित नहीं थे तो राजपथ को कर्तव्य पथ करने के लिए क्यों मोदी का इंतजार करना पड़ा। अंडमान और निकोबार दीप समूह पर आज भी अंग्रेजों की सत्ता के निशान क्यों लटके हुए हैं। देश के जवान देश पर मर मिट रहे, लेकिन उनके सम्मान में एक वार मेमोरियल नहीं बनाया। अगर आप अंग्रेजों से प्रभावित नहीं थे तो भारतीय भाषाओं को हीन भावना से क्यों देखा। स्थानीय भाषा में पढ़ाई के प्रति आपकी बेरुखी क्यों थी। अगर आप अंग्रेजों से प्रभावित नहीं थे तो भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी बताने से कौन रोकता था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सैकड़ों उदाहरण दे सकता हूं कि आप किस प्रभाव में काम करते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नैरेटिव फैलाए और उन नैरेटिव का प्रभाव क्या हुआ, भारत की संस्कृति और संस्कार मानने वाले लोगों को बड़ी हीन भावना से देखा गया, दकियानूसी माना गया। इंपोर्टेड सामान को स्टेटस सिंबल बना दिया गया था। आज आत्मनिर्भर भारत की बात उनके मुंह से नहीं निकलती है।
–आईएएनएस
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