हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
–आईएएनएस
एफएम/एकेजे
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
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मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
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मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
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मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
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मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
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मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
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मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
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मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
–आईएएनएस
एफएम/एकेजे
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।
–आईएएनएस
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हरिद्वार, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
मान्यताओं के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन दान करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं। इसलिए, सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का बहुत ही महत्व होता है। हर साल सोमवती अमावस्या के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं।
बिजनौर से हरिद्वार स्नान करने आए श्रद्धालु अभिषेक तोमर ने बताया कि आज के दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हम अपने पूर्वजों की शांति के लिए हर की पौड़ी पर स्नान करने आए हैं। यहां आकर स्नान करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मुरैना से आए श्रद्धालु ने कहा कि गंगा मैया तो पापों से मुक्ति दिलाती हैं। यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबके लगाने के लिए वह यहां आए हैं।
पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस पवित्र दिन महिलाएं सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त करने और पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए गंगा स्नान करती हैं। साथ ही वह पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और कई वस्तुओं का दान करती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मद्देनजर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा गया है। साथ ही मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है।