चंडीगढ़, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में एक नया मोड़ आया है। पूरन कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 पुलिस स्टेशन के एसएचओ को पत्र लिखकर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने बीएनएस की धारा 108 (उकसाने के लिए आत्महत्या) और एससी-एसटी एक्ट के तहत दोनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
अमनीत ने दावा किया कि इन अधिकारियों की जातिगत प्रताड़ना के कारण ही उनके पति ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली।
अमनीत 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में हरियाणा के सिविल एविएशन व महिला एवं बाल विकास विभाग में कमिश्नर हैं। वह जापान में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के प्रतिनिधिमंडल के साथ थीं। घटना के बाद वे तुरंत भारत लौट रही हैं।
पत्र में उन्होंने भावुक होकर कहा, “एक पत्नी के रूप में मैंने पिछले कई सालों से अपने पति को हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत सीनियर अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित होते देखा है। यह कोई छिपी बात नहीं है। मेरे पति ने पहले भी जाति के आधार पर प्रताड़ना की कई शिकायतें की हैं, जिनका जिक्र उन्होंने सुसाइड नोट में भी किया है।”
उन्होंने खुलासा किया कि पूरन ने उन्हें बताया था कि डीजीपी कपूर उन्हें साजिश के तहत झूठे केस में फंसाने की कोशिश कर रहे थे। इसी सिलसिले में रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में धारा 308 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें कुमार के स्टाफ मेंबर सुशील को फंसाया गया।
अमनीत ने लिखा, “सबूतों से छेड़छाड़ कर मेरे पति पर भी आरोप लगाए गए। इन दोनों अधिकारियों की प्रताड़ना की वजह से पति की मौत हुई है।”
उन्होंने सीएफएल द्वारा बरामद सुसाइड नोट के अलावा अलमारी में लैपटॉप बैग से मिली एक अन्य कॉपी का जिक्र किया, जिसे वे पुलिस को सौंप रही हैं।
बता दें कि 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित सरकारी आवास के साउंडप्रूफ बेसमेंट में अपने गनमैन की सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली थी।
–आईएएनएस
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