पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में एक बयान में इशारों ही इशारों में यह संकेत दिया था कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में अपने ही लोगों ने कांग्रेस की स्थिति को खराब किया। कांग्रेस के लोगों ने ही चुनाव में अपनी पार्टी के साथ भीतर घात किया। इस बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने दोनों राज्यों में हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ दिया।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चुनावों में भीतर घात होता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, वे विरोध करते हैं, और यह सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल में होता है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ, उसमें सिर्फ भीतर घात और स्वतंत्र उम्मीदवारों का हाथ नहीं है। मैं लगातार यह कहता आ रहा हूं कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक चुनाव बैलट पेपर से नहीं होंगे, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।”
इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”
–आईएएनएस
पीएसएम/एएस
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पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में एक बयान में इशारों ही इशारों में यह संकेत दिया था कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में अपने ही लोगों ने कांग्रेस की स्थिति को खराब किया। कांग्रेस के लोगों ने ही चुनाव में अपनी पार्टी के साथ भीतर घात किया। इस बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने दोनों राज्यों में हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ दिया।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चुनावों में भीतर घात होता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, वे विरोध करते हैं, और यह सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल में होता है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ, उसमें सिर्फ भीतर घात और स्वतंत्र उम्मीदवारों का हाथ नहीं है। मैं लगातार यह कहता आ रहा हूं कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक चुनाव बैलट पेपर से नहीं होंगे, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।”
इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”
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पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में एक बयान में इशारों ही इशारों में यह संकेत दिया था कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में अपने ही लोगों ने कांग्रेस की स्थिति को खराब किया। कांग्रेस के लोगों ने ही चुनाव में अपनी पार्टी के साथ भीतर घात किया। इस बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने दोनों राज्यों में हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ दिया।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चुनावों में भीतर घात होता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, वे विरोध करते हैं, और यह सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल में होता है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ, उसमें सिर्फ भीतर घात और स्वतंत्र उम्मीदवारों का हाथ नहीं है। मैं लगातार यह कहता आ रहा हूं कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक चुनाव बैलट पेपर से नहीं होंगे, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।”
इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”
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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चुनावों में भीतर घात होता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, वे विरोध करते हैं, और यह सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल में होता है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ, उसमें सिर्फ भीतर घात और स्वतंत्र उम्मीदवारों का हाथ नहीं है। मैं लगातार यह कहता आ रहा हूं कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक चुनाव बैलट पेपर से नहीं होंगे, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।”
इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”
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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चुनावों में भीतर घात होता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, वे विरोध करते हैं, और यह सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल में होता है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ, उसमें सिर्फ भीतर घात और स्वतंत्र उम्मीदवारों का हाथ नहीं है। मैं लगातार यह कहता आ रहा हूं कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक चुनाव बैलट पेपर से नहीं होंगे, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।”
इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”
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पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में एक बयान में इशारों ही इशारों में यह संकेत दिया था कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में अपने ही लोगों ने कांग्रेस की स्थिति को खराब किया। कांग्रेस के लोगों ने ही चुनाव में अपनी पार्टी के साथ भीतर घात किया। इस बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने दोनों राज्यों में हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ दिया।
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पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में एक बयान में इशारों ही इशारों में यह संकेत दिया था कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में अपने ही लोगों ने कांग्रेस की स्थिति को खराब किया। कांग्रेस के लोगों ने ही चुनाव में अपनी पार्टी के साथ भीतर घात किया। इस बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने दोनों राज्यों में हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ दिया।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चुनावों में भीतर घात होता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, वे विरोध करते हैं, और यह सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल में होता है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ, उसमें सिर्फ भीतर घात और स्वतंत्र उम्मीदवारों का हाथ नहीं है। मैं लगातार यह कहता आ रहा हूं कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक चुनाव बैलट पेपर से नहीं होंगे, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।”
इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”
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इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”
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पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में एक बयान में इशारों ही इशारों में यह संकेत दिया था कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में अपने ही लोगों ने कांग्रेस की स्थिति को खराब किया। कांग्रेस के लोगों ने ही चुनाव में अपनी पार्टी के साथ भीतर घात किया। इस बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने दोनों राज्यों में हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ दिया।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चुनावों में भीतर घात होता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, वे विरोध करते हैं, और यह सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल में होता है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ, उसमें सिर्फ भीतर घात और स्वतंत्र उम्मीदवारों का हाथ नहीं है। मैं लगातार यह कहता आ रहा हूं कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक चुनाव बैलट पेपर से नहीं होंगे, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।”
इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”
–आईएएनएस
पीएसएम/एएस
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पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में एक बयान में इशारों ही इशारों में यह संकेत दिया था कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में अपने ही लोगों ने कांग्रेस की स्थिति को खराब किया। कांग्रेस के लोगों ने ही चुनाव में अपनी पार्टी के साथ भीतर घात किया। इस बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने दोनों राज्यों में हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ दिया।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चुनावों में भीतर घात होता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, वे विरोध करते हैं, और यह सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि हर राजनीतिक दल में होता है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ, उसमें सिर्फ भीतर घात और स्वतंत्र उम्मीदवारों का हाथ नहीं है। मैं लगातार यह कहता आ रहा हूं कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक चुनाव बैलट पेपर से नहीं होंगे, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।”
इसके बाद पार्टी के अंदर अविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक की थी। मैं खुद कह रहा हूं कि यह समस्या सभी पार्टियों में होती है। कोई भी राजनीतिक पार्टी, चाहे वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या अन्य धार्मिक पार्टियां, वे बिना किसी उम्मीद के काम नहीं करती। राजनीतिक दलों के भीतर आप देख सकते हैं कि महाभारत जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, और यही सत्ता का एक बड़ा कारण बनता है। हरियाणा में निश्चित रूप से कांग्रेस के कुछ लोगों ने भीतरघात किया होगा, इसमें मुझे कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा की जो बड़ी जीत हुई है, वह पिछले कई सालों में कभी नहीं हुई थी। इस बार ऐसा क्या खास हुआ कि उनकी इतनी बड़ी जीत हुई? इसमें निश्चित रूप से ईवीएम का भी हाथ है।”