इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
ADVERTISEMENT
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के एक करीबी सहयोगी ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें हर छोटी से छोटी बात के लिए बुलाते थे और यहां तक कि उन्हें बॉस भी कहते थे।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगी ने बताया कि खान ने हर राजनीतिक मामले में जनरल बाजवा के कार्यालय से मदद मांगी।
सहयोगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सबसे अच्छा विकल्प माना गया था।
समा टीवी ने बताया कि लेकिन यह पता चला कि वह एक योग्य टीम बनाने में विफल रहे और न ही वह राज्य के मामलों को हल करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित कर सके।
करीबी सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि जब खान ने उस्मान बुजदार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया, तो पूर्व सीओएएस ने सोचा कि यह देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के संवेदनशील मामलों से कैसे निपटेंगे।
यहां तक कि पीटीआई नेताओं ने भी खान से अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री का पोर्टफोलियो किसी और सक्षम व्यक्ति को सौंपा जाए।
समा टीवी ने सूचना दी कि अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, खान अपनी भव्यता का गुणगान करते थे और भूल जाते थे कि वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सूत्र ने खुलासा किया, सशस्त्र बलों ने मार्च 2021 में इमरान खान से कहा था कि उन्हें अब बलों से समर्थन नहीं मिलेगा।
जब खान ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को देश की शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हॉट सीट से दूर करने में देरी की, तो इसने सशस्त्र बलों और पूर्व पीएम के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के बारे में बात करते हुए सहयोगी ने आगे खुलासा किया कि वह अदालत में मामलों का सामना कर रहे थे और इसमें सेना की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा जनरल बाजवा पिछले चार साल से नवाज से नहीं मिले।