हल्द्वानी,15 दिसंबर (आईएएनएस)। हल्द्वानी में विशेषन्यायाधीश पॉक्सो/अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह रावत की कोर्ट ने नाबालिक छात्रा से दुष्कर्म करने वाले दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पीड़िता को विधिक सेवा प्राधिकरण से 400,000 रूपये की सहायता राशि देने का भी निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कक्षा 8वीं की छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल सश्रम कारवास के साथ ही 20 हजार रुपये के अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। दुष्कर्म का आरोपी नशे का आदी है। आरोपी ने जब दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था, तब वो उससे ठीक एक दिन पहले ही नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आया था।
सरकारी अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि, ये मामला 9 नवंबर 2020 का है। जब कक्षा आठ में पढ़ने वाली 13 साल की एक नाबालिग बच्ची, जो साइकिल से अपने घर जा रही थी, तभी वेलेजली लॉज का रहने वाला अतुल नाथ गोस्वामी नाबालिग को रोक कर जबरदस्ती उसे घसीटते हुए सुनसान जगह पर ले गया। जहां उसने उस बच्ची के साथ मारपीट कर दुष्कर्म किया।
संयोग से इस दौरान बच्ची की बहन उधर से जा रही थी और उसने साइकिल देखी तो आवाज लगाई। आवाज सुनकर दुष्कर्मी भाग निकला। जिसके बाद पीड़िता की मां ने हल्द्वानी कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
इस बीच पुलिस ने संदिग्ध लोगों की छानबीन करते हुए नाबालिग किशोरी को आरोपी की फोटो दिखाई तो उसने उसे पहचान लिया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की।
दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाला आरोपी एक दिन पहले ही नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आया था। ये आरोपी नशे का आदी है और इसने नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आकर अगले दिन दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी।
शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि पूरे मामले में 9 गवाहों का परीक्षण किया गया। न्यायालय ने मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी अतुल नाथ गोस्वामी को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास और 20,000 रूपये का अर्थ दंड लगाया है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी