कोच्चि, 16 जून (आईएएनएस)। केरल उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें जादू-टोना और काला जादू जैसी अंधविश्वासी प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार को कानून बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। यह याचिका केरल युक्ति वादी संघम नामक संगठन ने दायर की थी।
याचिका राज्य में मानव बलि की एक घटना के आलोक में दायर की गई थी, जिसमें दो महिलाओं की हत्या कर दी गई थी और उनके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश एस.वी. भट्टी और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी ने याचिका खारिज कर दी।
याचिका में कहा गया कि, काले जादू और जादू-टोने की अंधविश्वास के संबंध में मानव बलि और अन्य प्रकार के हमलों के कई मामले सामने आए हैं। भगवान की कृपा के लिए, वित्तीय लाभ, नौकरी प्राप्त करने, पारिवारिक समस्याओं का समाधान करने, बच्चों का जन्म, और अन्य इच्छाओं के लिए कुछ लोग काले जादू और जादू टोने का अभ्यास कर रहे हैं। इनमें से दलित वर्ग के लोग अधिक हैं, और बच्चे व महिलाएं ज्यादा पीड़ित हैं।
याचिकाकर्ता-संगठन का दावा है कि उसने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से संपर्क किया है और कानून के लिए मॉडल बिल प्रस्तुत किया है, ताकि इस मुद्दे से निपटने के लिए कानून बनाया जा सके।
लेकिन कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है, इसलिए याचिका दायर की गई है।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में, राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वह अंधविश्वास विरोधी कानून बनाने पर विचार कर रही है।
–आईएएनएस
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