जबलपुर. हाईकोर्ट में लंबित ओबीसी आरक्षण से जुड़े मामलों में सोमवार को सुनवाई होनी थी. दोपहर में सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ और ट्रांसफर याचिकाएं दायर की गई हैं. उनमें से कुछ में शीर्ष अदालत ने यथास्थिति के निर्देश दिए हैं. जवाब को अभिलेख पर लेते हुए मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने सुनवाई बढ़ा दी.
दरअसल, छह दिसंबर, 2024 को हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए थे कि अगली तिथि 20 जनवरी को अंतिम सुनवाई की जाएगी. सरकार उसके पहले लिखित जवाब पेश कर दे.
सरकार की ओर से बताया गया कि सोमवार को सुबह सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कुछ ट्रांसफर याचिकाओं में यथास्थिति के आदेश दिए हैं. ओबीसी की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया की जिन प्रकरणों मे सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है, उनमें में कानून की संवैधानिकता को चुनोती दी गई है.
उन्होंने दलील दी कि ओबीसी आरक्षण के 27 प्रतिशत कानून पर न तो सुप्रीम कोर्ट ने और न ही हाई कोर्ट ने रोक लगाई है. मामलों पर सुनवाई नहीं होने के कारण बहुत सी नियुक्ति अटकी हैं. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी 87:13 प्रतिशत फार्मूले के परिपत्र के हजारों युवाओं का भविष्य अधर में है.