जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना अंतर्गत आईडी-पासवर्ड हैक कर 270 अपात्र हितग्राहियों को नौ नाख 76 हजार रुपये वितरित किए जाने के आरोप के मामले में अहम आदेश पारित किया. इसके अंतर्गत प्रोजेक्ट आफिसर स्वाति जैन के विरुद्ध विभागीय जांच का अंतिम परिणाम आने तक किसी तरह की कठोर कार्रवाई प्रतिबंधित कर दी. साथ ही अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा जारी नौ लाख 33 हजार 500 रुपये के रिकवरी आदेश को अनुचित पाकर निरस्त कर दिया.
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि रिकवरी की कार्रवाई मप्र सिविल सर्विस रूल के विपरीत होने के कारण अनुचित है.
याचिकाकर्ता सागर निवासी स्वाति जैन की ओर से दलील दी गई कि प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना अंतर्गत 270 अपात्र हितग्राहियों को नौ नाख 76 हजार रुपये वितरित करने के प्रकरण से याचिकाकर्ता का कोई सरोकार नहीं था.
ऐसा इसलिए क्योंकि डाटा इंट्री आपरेटर सुनील ठाकुर ने याचिकाकर्ता प्रोजेक्ट आफिसर की आईडी व पासवर्ड हैक कर एप्रूरूवल हासिल करने के बाद घोटाले को अंजाम दिया था. इसके बावजूद याचिकाकर्ता के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित करते हुए आरोप पत्र सौंप दिया गया. यही नहीं विभागीय जांच की रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बिना अनुशासनिक अधिकारी ने रिकवरी नोटिस जारी कर दिया. यह कार्रवाई पेनाल्टी अधिरोपित करने की भांति की गई. सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये.