जबलपुर. कक्षा बारहवीं के छात्र ने गणित विषय में कम अंक प्रदान किये जाने को चुनौती दी गयी थी. हाईकोर्ट याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक जैन ने मॉडल आंसर सीट से मिलना करने पर पाया कि 12 प्रष्न का उत्तर सहित होने के बावजूद भी उसे गलत करार देते हुए छात्र को अंक प्रदान नहीं किये गये है. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिकाकर्ता छात्र के पक्ष में राहतकारी आदेष पारिज किये.
छतरपुर के हनुमानबाग निवासी साकेत तिवारी की तरफ से दायर की गयी याकिचा में कहा गया था कि उसने वर्ष 2023 में कक्षा बारहवीं की परीक्षा दी थी. याचिकाकर्ता की तरफ से आरोप लगाते हुए कहा गया था कि गलत मूल्यांकन के चलते उसे गणित विषय के 12 सवालों के अंक नहीं दिये गये. पुनर्मूल्यांकन का आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गयी है.
याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्र की उत्तर पुस्तिका बुलाकर मॉडल ऑन्सर सीट से उत्तर का मिलान किया. एकलपीठ ने पाया कि मॉडल ऑन्सर सीट के अनुसार याचिकाकर्ता के 12 प्रष्नों का उत्तर सही है,जिन्हें गलत करार देते हुए अंक प्रदान नहीं किये गये थे. युगलपीठ ने अपने अदेष में माध्यमिक षिक्षा मंडल पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाते हुए उक्त राशि हर्जाने के तौर पर छात्र को प्रदान करने के निर्देष दिये है. एकलपीठ ने छात्र को हर्जाने की राषि के साथ संशोधित मार्कशीट 6 सप्ताह में प्रदान करने आदेष जारी किये है. एकलपीठ ने कहा है कि उक्त हर्जाने की राशि दोषी व्यक्ति से वसूल करने माशिमं स्वतंत्र है.