कोच्चि, 9 फरवरी (आईएएनएस)। केरल उच्च न्यायालय ने मंदिर के दो महावतों द्वारा दो हाथियों के शारीरिक शोषण की रिपोर्ट के बाद शुक्रवार को गुरुवयूर देवास्वोम (गुरुवयूर में प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिर का संचालन करने वाली संस्था) को फटकार लगाई।
अदालत ने एक शीर्ष वन अधिकारी को 40 से अधिक हाथी रखने वाले इस मंदिर का निरीक्षण करने का आदेश दिया है।
मंदिर के हाथी केंद्र में जिस तरह से चीजें चल रही हैं उसका ऑडिट करने का भी आदेश दिया गया है।
अदालत ने यह भी कहा कि हाथियों पर महावतों द्वारा लोहे की छड़ों या कांटों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, और मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को तय की।
दो महावतों द्वारा हाथियों को लोहे की छड़ों से पीटने का वायरल वीडियो अदालत के संज्ञान में तब आया जब एक याचिकाकर्ता ने याचिका दायर की थी, जिसने पहले गुरुवायूर में हाथियों के साथ हुए दुर्व्यवहार को उजागर किया था।
वीडियो गुरुवार को वायरल हो गया। इसके बाद देवास्वोम अधिकारियों ने उन दो महावतों को निलंबित कर दिया, जो दो हाथियों को पीटते हुए देखे गए थे।
नहलाते समय जिन हाथियों को बेरहमी से पीटा गया उनमें से एक का नाम कृष्णा है। उसे कई साल पहले तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता ने मंदिर को दिया था।
जिस दूसरे हाथी को महावत ने पीटा उसका नाम केसवनकुट्टी है।
अदालत ने शुक्रवार को मंदिर अधिकारियों से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि उनके हाथी केंद्र में क्या हो रहा है।
इसने यह भी बताया कि अगर सोशल मीडिया पर सामने आए दृश्य नहीं होते, तो घटना पर किसी का ध्यान नहीं जाता और असहाय जानवर पीड़ित होते रहते।
अदालत को बताया गया कि हाथियों की पिटाई 15 जनवरी और 24 जनवरी को हुई थी।
–आईएएनएस
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