सैन फ्रांसिस्को, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल वैज्ञानिकों ने अतिरिक्त सेंसर जोड़ने या बैटरी लाइफ से समझौता किए बिना हियरेबल्स डिवाइस के साथ हार्ट की निगरानी के लिए ऑडियोप्लेथिस्मोग्राफी (एपीजी) का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है, जो हार्ट रेट को मापने के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग करता है।
टीम ने 153 प्रतिभागियों के साथ स्टडी के दो राउंड आयोजित किए।
परिणाम दिखाते है कि एपीजी लगातार सटीक हृदय गति (सभी गतिविधि परिदृश्यों में प्रतिभागियों में 3.21 प्रतिशत औसत त्रुटि) और हृदय गति परिवर्तनशीलता (अंतर-बीट अंतराल में 2.70 प्रतिशत औसत त्रुटि) माप प्राप्त करता है।
लोग अक्सर हेडफोन और ईयरबड न केवल म्यूजिक सुनने के लिए पहनते हैं, बल्कि व्यायाम करने, फोकस करने या सिर्फ मूड एडजस्ट करने के लिए भी पहनते हैं।
गूगल शोधकर्ताओं ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ”हमने एक नोवल एक्टिव इन-इयर हेल्थ सेंसिंग मोडेलिटी पेश की है। एपीजी अतिरिक्त सेंसर जोड़ने या बैटरी लाइफ से समझौता किए बिना, एएनसी हियरेबल्स को यूजर्स के फिजियोलॉजिकलसिंगनल्स, जैसे हृदय गति और हृदय गति परिवर्तनशीलता की निगरानी करने में सक्षम बनाता है।”
एपीजी सीमा से 80 डीबी मार्जिन के साथ सुरक्षा नियमों का पालन करता है, और इसमें सभी स्किन टोन शामिल हैं।
कान कैनाल में निष्क्रिय श्रवण की सिग्नल क्वालिटी काफी हद तक ईयरबड सील स्थितियों पर निर्भर करती है।
कमर्शियल एएनसी हेडफोन पर लो फ्रीक्वेंसी सिग्नल्स की निष्क्रिय सुनवाई पर निर्भर हेल्थ फीचर्स को एम्बेड करना चुनौतीपूर्ण है।
प्रायोगिक वैज्ञानिक जियाओरान वान फैन और गूगल के निदेशक ट्रौस्टी थोर्मंडसन ने कहा, ”एपीजी एएनसी हेडफोन के स्पीकर के माध्यम से कम तीव्रता वाले अल्ट्रासाउंड जांच सिग्नल भेजकर उपरोक्त एएनसी हेडफोन हार्डवेयर बाधाओं को दूर करता है।”
यह सिग्नल इकोज को ट्रिगर करता है, जो ऑन-बोर्ड फीडबैक माइक्रोफोन के माध्यम से प्राप्त होता है। हम देखते हैं कि छोटे कान के कैनाल स्किन का विस्थापन और दिल की धड़कन के वाइब्रेशन्स अल्ट्रासाउंड इकोज को नियंत्रित करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, ”फाइनल एपीजी वेवफॉर्म बिल्कुल फोटोप्लेथिस्मोग्राम्स (पीपीजी) वेवफॉर्म के समान दिखता है, लेकिन अधिक स्पष्ट डाइक्रोटिक निशानों के साथ हृदय संबंधी गतिविधियों का एक बेहतर व्यू प्रदान करता है।
अपने प्रारंभिक प्रयोगों के दौरान, उन्होंने देखा कि एपीजी खराब ईयरबड्स सील और म्यूजिक बजाने के साथ मजबूती से काम करता है।
टीम ने कहा, ”हमने देखा कि एपीजी सिग्नल कभी-कभी बहुत शोर कर सकता है और बॉडी मोशन से काफी बिगड़ भी सकता है। उस समय, हमने तय किया कि एपीजी को उपयोगी बनाने के लिए, हमें 80 से ज्यादा सालों के पीपीजी डेवलपमेंट के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए इसे और अधिक मजबूत बनाना होगा।”
शोधकर्ताओं ने कहा कि एपीजी एक साधारण सॉफ्टवेयर अपग्रेड के साथ किसी भी टीडब्ल्यूएस एएनसी हेडफोन को स्मार्ट सेंसिंग हेडफोन में बदल देता है, और विभिन्न उपयोगकर्ता गतिविधियों में मजबूती से काम करता है।
–आईएएनएस
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