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हिंदुस्तान जिंक और ग्रीनलाइन ने ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए ऐतिहासिक समझौता किया

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October 4, 2023
in अर्थजगत
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हिंदुस्तान जिंक और ग्रीनलाइन ने ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए ऐतिहासिक समझौता किया
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मुंबई/उदयपुर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टिकाऊपन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड (ग्रीनलाइन) के साथ हाथ मिलाया है। ग्रीनलाइन एस्सार ग्रुप का एक हिस्सा है और यह ग्रीन मोबिलिटी समाधानों में अग्रणी है। अपने टिकाऊ लॉजिस्टिक्स भागीदार के रूप में यह परिवहन संचालन में ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित बेड़े को तैनात करने के लिए तैयार है।

एलएनजी से चलने वाले वाहन डीजल की तुलना में काफी कम उत्सर्जन करते हैं और दोनों कंपनियों के टिकाऊ लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। यह पहल न केवल परिवहन से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए नए उद्योग मानक भी स्थापित करेगी।

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हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हिंदुस्तान जिंक में हमने सभी के लिए एक हरित भविष्य बनाने के लिए अपने संचालन के हर पहलू में टिकाऊ प्रथाओं को शामिल किया है। टिकाऊपन हमारी कंपनी की पहचान का एक अभिन्न अंग है और हमारे प्रबंधन और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।”

“एलएनजी वाहनों की तैनाती हमारे स्वीकृत एसबीटीआई लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2030 तक स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी आएगी। एलएनजी वाहनों को पेश कर हम न केवल भारतीय खनन को डीकार्बोनाइजिंग करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि परिवहन क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट-जीरो के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है, और हम आने वाले महीनों में इसे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “भारतीय कॉर्पोरेट नेतृत्व अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम अपने ग्रीन लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ उनके मिशन को सक्षम कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित गतिशीलता समाधान से उद्योगों को उनके टिकाऊ लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें हिंदुस्तान जिंक के चुने हुए टिकाऊ लॉजिस्टिक्स साझेदार होने पर गर्व है और हम उनके भारी माल परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।”

हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में नवीनतम पहल है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है।

ग्रीनलाइन टिकाऊ माल परिवहन में अग्रणी है और लंबी दूरी की हेवी ड्यूटी रोड लॉजिस्टिक्स में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हिंदुस्तान जिंक के सड़क लॉजिस्टिक्स संचालन के लिए एलएनजी-संचालित ट्रकों को तैनात करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित ट्रक, डीजल की तुलना में विषाक्त उत्सर्जन को काफी कम करते हैं — सीओटू का 30 प्रतिशत तक, सलफर ऑक्साइट का 100 प्रतिशत तक, नाइट्रोजन ऑक्साइड का 59 प्रतिशत तक, पार्टिकुलेट मैटर का 91 प्रतिशत तक और कार्बन ऑक्साइड का 70 प्रतिशत तक।

ग्रीनलाइन ने भारत में एलएनजी ट्रकिंग को वास्तविकता बनाने के लिए भारत का पहला और एकमात्र एकीकृत ग्रीन लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने के लिए कई संगठनों के साथ सहयोग किया है, जिससे कॉरपोरेट्स के लिए इसके लाभों को प्रदर्शित कर एलएनजी ईंधन वाले लंबी दूरी के ट्रकों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

–आईएएनएस

एसकेपी

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मुंबई/उदयपुर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टिकाऊपन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड (ग्रीनलाइन) के साथ हाथ मिलाया है। ग्रीनलाइन एस्सार ग्रुप का एक हिस्सा है और यह ग्रीन मोबिलिटी समाधानों में अग्रणी है। अपने टिकाऊ लॉजिस्टिक्स भागीदार के रूप में यह परिवहन संचालन में ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित बेड़े को तैनात करने के लिए तैयार है।

एलएनजी से चलने वाले वाहन डीजल की तुलना में काफी कम उत्सर्जन करते हैं और दोनों कंपनियों के टिकाऊ लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। यह पहल न केवल परिवहन से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए नए उद्योग मानक भी स्थापित करेगी।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हिंदुस्तान जिंक में हमने सभी के लिए एक हरित भविष्य बनाने के लिए अपने संचालन के हर पहलू में टिकाऊ प्रथाओं को शामिल किया है। टिकाऊपन हमारी कंपनी की पहचान का एक अभिन्न अंग है और हमारे प्रबंधन और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।”

“एलएनजी वाहनों की तैनाती हमारे स्वीकृत एसबीटीआई लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2030 तक स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी आएगी। एलएनजी वाहनों को पेश कर हम न केवल भारतीय खनन को डीकार्बोनाइजिंग करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि परिवहन क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट-जीरो के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है, और हम आने वाले महीनों में इसे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “भारतीय कॉर्पोरेट नेतृत्व अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम अपने ग्रीन लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ उनके मिशन को सक्षम कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित गतिशीलता समाधान से उद्योगों को उनके टिकाऊ लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें हिंदुस्तान जिंक के चुने हुए टिकाऊ लॉजिस्टिक्स साझेदार होने पर गर्व है और हम उनके भारी माल परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।”

हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में नवीनतम पहल है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है।

ग्रीनलाइन टिकाऊ माल परिवहन में अग्रणी है और लंबी दूरी की हेवी ड्यूटी रोड लॉजिस्टिक्स में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हिंदुस्तान जिंक के सड़क लॉजिस्टिक्स संचालन के लिए एलएनजी-संचालित ट्रकों को तैनात करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित ट्रक, डीजल की तुलना में विषाक्त उत्सर्जन को काफी कम करते हैं — सीओटू का 30 प्रतिशत तक, सलफर ऑक्साइट का 100 प्रतिशत तक, नाइट्रोजन ऑक्साइड का 59 प्रतिशत तक, पार्टिकुलेट मैटर का 91 प्रतिशत तक और कार्बन ऑक्साइड का 70 प्रतिशत तक।

ग्रीनलाइन ने भारत में एलएनजी ट्रकिंग को वास्तविकता बनाने के लिए भारत का पहला और एकमात्र एकीकृत ग्रीन लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने के लिए कई संगठनों के साथ सहयोग किया है, जिससे कॉरपोरेट्स के लिए इसके लाभों को प्रदर्शित कर एलएनजी ईंधन वाले लंबी दूरी के ट्रकों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

–आईएएनएस

एसकेपी

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मुंबई/उदयपुर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टिकाऊपन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड (ग्रीनलाइन) के साथ हाथ मिलाया है। ग्रीनलाइन एस्सार ग्रुप का एक हिस्सा है और यह ग्रीन मोबिलिटी समाधानों में अग्रणी है। अपने टिकाऊ लॉजिस्टिक्स भागीदार के रूप में यह परिवहन संचालन में ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित बेड़े को तैनात करने के लिए तैयार है।

एलएनजी से चलने वाले वाहन डीजल की तुलना में काफी कम उत्सर्जन करते हैं और दोनों कंपनियों के टिकाऊ लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। यह पहल न केवल परिवहन से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए नए उद्योग मानक भी स्थापित करेगी।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हिंदुस्तान जिंक में हमने सभी के लिए एक हरित भविष्य बनाने के लिए अपने संचालन के हर पहलू में टिकाऊ प्रथाओं को शामिल किया है। टिकाऊपन हमारी कंपनी की पहचान का एक अभिन्न अंग है और हमारे प्रबंधन और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।”

“एलएनजी वाहनों की तैनाती हमारे स्वीकृत एसबीटीआई लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2030 तक स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी आएगी। एलएनजी वाहनों को पेश कर हम न केवल भारतीय खनन को डीकार्बोनाइजिंग करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि परिवहन क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट-जीरो के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है, और हम आने वाले महीनों में इसे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “भारतीय कॉर्पोरेट नेतृत्व अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम अपने ग्रीन लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ उनके मिशन को सक्षम कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित गतिशीलता समाधान से उद्योगों को उनके टिकाऊ लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें हिंदुस्तान जिंक के चुने हुए टिकाऊ लॉजिस्टिक्स साझेदार होने पर गर्व है और हम उनके भारी माल परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।”

हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में नवीनतम पहल है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है।

ग्रीनलाइन टिकाऊ माल परिवहन में अग्रणी है और लंबी दूरी की हेवी ड्यूटी रोड लॉजिस्टिक्स में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हिंदुस्तान जिंक के सड़क लॉजिस्टिक्स संचालन के लिए एलएनजी-संचालित ट्रकों को तैनात करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित ट्रक, डीजल की तुलना में विषाक्त उत्सर्जन को काफी कम करते हैं — सीओटू का 30 प्रतिशत तक, सलफर ऑक्साइट का 100 प्रतिशत तक, नाइट्रोजन ऑक्साइड का 59 प्रतिशत तक, पार्टिकुलेट मैटर का 91 प्रतिशत तक और कार्बन ऑक्साइड का 70 प्रतिशत तक।

ग्रीनलाइन ने भारत में एलएनजी ट्रकिंग को वास्तविकता बनाने के लिए भारत का पहला और एकमात्र एकीकृत ग्रीन लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने के लिए कई संगठनों के साथ सहयोग किया है, जिससे कॉरपोरेट्स के लिए इसके लाभों को प्रदर्शित कर एलएनजी ईंधन वाले लंबी दूरी के ट्रकों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

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एलएनजी से चलने वाले वाहन डीजल की तुलना में काफी कम उत्सर्जन करते हैं और दोनों कंपनियों के टिकाऊ लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। यह पहल न केवल परिवहन से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए नए उद्योग मानक भी स्थापित करेगी।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हिंदुस्तान जिंक में हमने सभी के लिए एक हरित भविष्य बनाने के लिए अपने संचालन के हर पहलू में टिकाऊ प्रथाओं को शामिल किया है। टिकाऊपन हमारी कंपनी की पहचान का एक अभिन्न अंग है और हमारे प्रबंधन और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।”

“एलएनजी वाहनों की तैनाती हमारे स्वीकृत एसबीटीआई लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2030 तक स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी आएगी। एलएनजी वाहनों को पेश कर हम न केवल भारतीय खनन को डीकार्बोनाइजिंग करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि परिवहन क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट-जीरो के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है, और हम आने वाले महीनों में इसे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “भारतीय कॉर्पोरेट नेतृत्व अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम अपने ग्रीन लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ उनके मिशन को सक्षम कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित गतिशीलता समाधान से उद्योगों को उनके टिकाऊ लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें हिंदुस्तान जिंक के चुने हुए टिकाऊ लॉजिस्टिक्स साझेदार होने पर गर्व है और हम उनके भारी माल परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।”

हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में नवीनतम पहल है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है।

ग्रीनलाइन टिकाऊ माल परिवहन में अग्रणी है और लंबी दूरी की हेवी ड्यूटी रोड लॉजिस्टिक्स में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हिंदुस्तान जिंक के सड़क लॉजिस्टिक्स संचालन के लिए एलएनजी-संचालित ट्रकों को तैनात करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित ट्रक, डीजल की तुलना में विषाक्त उत्सर्जन को काफी कम करते हैं — सीओटू का 30 प्रतिशत तक, सलफर ऑक्साइट का 100 प्रतिशत तक, नाइट्रोजन ऑक्साइड का 59 प्रतिशत तक, पार्टिकुलेट मैटर का 91 प्रतिशत तक और कार्बन ऑक्साइड का 70 प्रतिशत तक।

ग्रीनलाइन ने भारत में एलएनजी ट्रकिंग को वास्तविकता बनाने के लिए भारत का पहला और एकमात्र एकीकृत ग्रीन लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने के लिए कई संगठनों के साथ सहयोग किया है, जिससे कॉरपोरेट्स के लिए इसके लाभों को प्रदर्शित कर एलएनजी ईंधन वाले लंबी दूरी के ट्रकों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

–आईएएनएस

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मुंबई/उदयपुर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टिकाऊपन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड (ग्रीनलाइन) के साथ हाथ मिलाया है। ग्रीनलाइन एस्सार ग्रुप का एक हिस्सा है और यह ग्रीन मोबिलिटी समाधानों में अग्रणी है। अपने टिकाऊ लॉजिस्टिक्स भागीदार के रूप में यह परिवहन संचालन में ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित बेड़े को तैनात करने के लिए तैयार है।

एलएनजी से चलने वाले वाहन डीजल की तुलना में काफी कम उत्सर्जन करते हैं और दोनों कंपनियों के टिकाऊ लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। यह पहल न केवल परिवहन से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए नए उद्योग मानक भी स्थापित करेगी।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हिंदुस्तान जिंक में हमने सभी के लिए एक हरित भविष्य बनाने के लिए अपने संचालन के हर पहलू में टिकाऊ प्रथाओं को शामिल किया है। टिकाऊपन हमारी कंपनी की पहचान का एक अभिन्न अंग है और हमारे प्रबंधन और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।”

“एलएनजी वाहनों की तैनाती हमारे स्वीकृत एसबीटीआई लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2030 तक स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी आएगी। एलएनजी वाहनों को पेश कर हम न केवल भारतीय खनन को डीकार्बोनाइजिंग करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि परिवहन क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट-जीरो के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है, और हम आने वाले महीनों में इसे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “भारतीय कॉर्पोरेट नेतृत्व अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम अपने ग्रीन लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ उनके मिशन को सक्षम कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित गतिशीलता समाधान से उद्योगों को उनके टिकाऊ लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें हिंदुस्तान जिंक के चुने हुए टिकाऊ लॉजिस्टिक्स साझेदार होने पर गर्व है और हम उनके भारी माल परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।”

हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में नवीनतम पहल है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है।

ग्रीनलाइन टिकाऊ माल परिवहन में अग्रणी है और लंबी दूरी की हेवी ड्यूटी रोड लॉजिस्टिक्स में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हिंदुस्तान जिंक के सड़क लॉजिस्टिक्स संचालन के लिए एलएनजी-संचालित ट्रकों को तैनात करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित ट्रक, डीजल की तुलना में विषाक्त उत्सर्जन को काफी कम करते हैं — सीओटू का 30 प्रतिशत तक, सलफर ऑक्साइट का 100 प्रतिशत तक, नाइट्रोजन ऑक्साइड का 59 प्रतिशत तक, पार्टिकुलेट मैटर का 91 प्रतिशत तक और कार्बन ऑक्साइड का 70 प्रतिशत तक।

ग्रीनलाइन ने भारत में एलएनजी ट्रकिंग को वास्तविकता बनाने के लिए भारत का पहला और एकमात्र एकीकृत ग्रीन लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने के लिए कई संगठनों के साथ सहयोग किया है, जिससे कॉरपोरेट्स के लिए इसके लाभों को प्रदर्शित कर एलएनजी ईंधन वाले लंबी दूरी के ट्रकों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

–आईएएनएस

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मुंबई/उदयपुर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टिकाऊपन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड (ग्रीनलाइन) के साथ हाथ मिलाया है। ग्रीनलाइन एस्सार ग्रुप का एक हिस्सा है और यह ग्रीन मोबिलिटी समाधानों में अग्रणी है। अपने टिकाऊ लॉजिस्टिक्स भागीदार के रूप में यह परिवहन संचालन में ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित बेड़े को तैनात करने के लिए तैयार है।

एलएनजी से चलने वाले वाहन डीजल की तुलना में काफी कम उत्सर्जन करते हैं और दोनों कंपनियों के टिकाऊ लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। यह पहल न केवल परिवहन से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए नए उद्योग मानक भी स्थापित करेगी।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हिंदुस्तान जिंक में हमने सभी के लिए एक हरित भविष्य बनाने के लिए अपने संचालन के हर पहलू में टिकाऊ प्रथाओं को शामिल किया है। टिकाऊपन हमारी कंपनी की पहचान का एक अभिन्न अंग है और हमारे प्रबंधन और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।”

“एलएनजी वाहनों की तैनाती हमारे स्वीकृत एसबीटीआई लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2030 तक स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी आएगी। एलएनजी वाहनों को पेश कर हम न केवल भारतीय खनन को डीकार्बोनाइजिंग करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि परिवहन क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट-जीरो के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है, और हम आने वाले महीनों में इसे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “भारतीय कॉर्पोरेट नेतृत्व अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम अपने ग्रीन लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ उनके मिशन को सक्षम कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित गतिशीलता समाधान से उद्योगों को उनके टिकाऊ लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें हिंदुस्तान जिंक के चुने हुए टिकाऊ लॉजिस्टिक्स साझेदार होने पर गर्व है और हम उनके भारी माल परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।”

हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में नवीनतम पहल है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है।

ग्रीनलाइन टिकाऊ माल परिवहन में अग्रणी है और लंबी दूरी की हेवी ड्यूटी रोड लॉजिस्टिक्स में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हिंदुस्तान जिंक के सड़क लॉजिस्टिक्स संचालन के लिए एलएनजी-संचालित ट्रकों को तैनात करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित ट्रक, डीजल की तुलना में विषाक्त उत्सर्जन को काफी कम करते हैं — सीओटू का 30 प्रतिशत तक, सलफर ऑक्साइट का 100 प्रतिशत तक, नाइट्रोजन ऑक्साइड का 59 प्रतिशत तक, पार्टिकुलेट मैटर का 91 प्रतिशत तक और कार्बन ऑक्साइड का 70 प्रतिशत तक।

ग्रीनलाइन ने भारत में एलएनजी ट्रकिंग को वास्तविकता बनाने के लिए भारत का पहला और एकमात्र एकीकृत ग्रीन लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने के लिए कई संगठनों के साथ सहयोग किया है, जिससे कॉरपोरेट्स के लिए इसके लाभों को प्रदर्शित कर एलएनजी ईंधन वाले लंबी दूरी के ट्रकों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

–आईएएनएस

एसकेपी

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मुंबई/उदयपुर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टिकाऊपन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड (ग्रीनलाइन) के साथ हाथ मिलाया है। ग्रीनलाइन एस्सार ग्रुप का एक हिस्सा है और यह ग्रीन मोबिलिटी समाधानों में अग्रणी है। अपने टिकाऊ लॉजिस्टिक्स भागीदार के रूप में यह परिवहन संचालन में ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित बेड़े को तैनात करने के लिए तैयार है।

एलएनजी से चलने वाले वाहन डीजल की तुलना में काफी कम उत्सर्जन करते हैं और दोनों कंपनियों के टिकाऊ लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। यह पहल न केवल परिवहन से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए नए उद्योग मानक भी स्थापित करेगी।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हिंदुस्तान जिंक में हमने सभी के लिए एक हरित भविष्य बनाने के लिए अपने संचालन के हर पहलू में टिकाऊ प्रथाओं को शामिल किया है। टिकाऊपन हमारी कंपनी की पहचान का एक अभिन्न अंग है और हमारे प्रबंधन और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।”

“एलएनजी वाहनों की तैनाती हमारे स्वीकृत एसबीटीआई लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2030 तक स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी आएगी। एलएनजी वाहनों को पेश कर हम न केवल भारतीय खनन को डीकार्बोनाइजिंग करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि परिवहन क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट-जीरो के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है, और हम आने वाले महीनों में इसे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “भारतीय कॉर्पोरेट नेतृत्व अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम अपने ग्रीन लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ उनके मिशन को सक्षम कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित गतिशीलता समाधान से उद्योगों को उनके टिकाऊ लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें हिंदुस्तान जिंक के चुने हुए टिकाऊ लॉजिस्टिक्स साझेदार होने पर गर्व है और हम उनके भारी माल परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।”

हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में नवीनतम पहल है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है।

ग्रीनलाइन टिकाऊ माल परिवहन में अग्रणी है और लंबी दूरी की हेवी ड्यूटी रोड लॉजिस्टिक्स में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हिंदुस्तान जिंक के सड़क लॉजिस्टिक्स संचालन के लिए एलएनजी-संचालित ट्रकों को तैनात करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित ट्रक, डीजल की तुलना में विषाक्त उत्सर्जन को काफी कम करते हैं — सीओटू का 30 प्रतिशत तक, सलफर ऑक्साइट का 100 प्रतिशत तक, नाइट्रोजन ऑक्साइड का 59 प्रतिशत तक, पार्टिकुलेट मैटर का 91 प्रतिशत तक और कार्बन ऑक्साइड का 70 प्रतिशत तक।

ग्रीनलाइन ने भारत में एलएनजी ट्रकिंग को वास्तविकता बनाने के लिए भारत का पहला और एकमात्र एकीकृत ग्रीन लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने के लिए कई संगठनों के साथ सहयोग किया है, जिससे कॉरपोरेट्स के लिए इसके लाभों को प्रदर्शित कर एलएनजी ईंधन वाले लंबी दूरी के ट्रकों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

–आईएएनएस

एसकेपी

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मुंबई/उदयपुर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। टिकाऊपन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड (ग्रीनलाइन) के साथ हाथ मिलाया है। ग्रीनलाइन एस्सार ग्रुप का एक हिस्सा है और यह ग्रीन मोबिलिटी समाधानों में अग्रणी है। अपने टिकाऊ लॉजिस्टिक्स भागीदार के रूप में यह परिवहन संचालन में ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित बेड़े को तैनात करने के लिए तैयार है।

एलएनजी से चलने वाले वाहन डीजल की तुलना में काफी कम उत्सर्जन करते हैं और दोनों कंपनियों के टिकाऊ लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। यह पहल न केवल परिवहन से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए नए उद्योग मानक भी स्थापित करेगी।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हिंदुस्तान जिंक में हमने सभी के लिए एक हरित भविष्य बनाने के लिए अपने संचालन के हर पहलू में टिकाऊ प्रथाओं को शामिल किया है। टिकाऊपन हमारी कंपनी की पहचान का एक अभिन्न अंग है और हमारे प्रबंधन और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।”

“एलएनजी वाहनों की तैनाती हमारे स्वीकृत एसबीटीआई लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2030 तक स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी आएगी। एलएनजी वाहनों को पेश कर हम न केवल भारतीय खनन को डीकार्बोनाइजिंग करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि परिवहन क्रांति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट-जीरो के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है, और हम आने वाले महीनों में इसे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “भारतीय कॉर्पोरेट नेतृत्व अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम अपने ग्रीन लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ उनके मिशन को सक्षम कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित गतिशीलता समाधान से उद्योगों को उनके टिकाऊ लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें हिंदुस्तान जिंक के चुने हुए टिकाऊ लॉजिस्टिक्स साझेदार होने पर गर्व है और हम उनके भारी माल परिवहन के डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।”

हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में नवीनतम पहल है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है।

ग्रीनलाइन टिकाऊ माल परिवहन में अग्रणी है और लंबी दूरी की हेवी ड्यूटी रोड लॉजिस्टिक्स में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हिंदुस्तान जिंक के सड़क लॉजिस्टिक्स संचालन के लिए एलएनजी-संचालित ट्रकों को तैनात करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित ग्रीनलाइन के एलएनजी-संचालित ट्रक, डीजल की तुलना में विषाक्त उत्सर्जन को काफी कम करते हैं — सीओटू का 30 प्रतिशत तक, सलफर ऑक्साइट का 100 प्रतिशत तक, नाइट्रोजन ऑक्साइड का 59 प्रतिशत तक, पार्टिकुलेट मैटर का 91 प्रतिशत तक और कार्बन ऑक्साइड का 70 प्रतिशत तक।

ग्रीनलाइन ने भारत में एलएनजी ट्रकिंग को वास्तविकता बनाने के लिए भारत का पहला और एकमात्र एकीकृत ग्रीन लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने के लिए कई संगठनों के साथ सहयोग किया है, जिससे कॉरपोरेट्स के लिए इसके लाभों को प्रदर्शित कर एलएनजी ईंधन वाले लंबी दूरी के ट्रकों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

–आईएएनएस

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