चेन्नई, 10 मई (आईएएनएस)। अन्नाद्रमुक के अपदस्थ नेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) ने बुधवार को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से अनुरोध किया कि कथित तौर पर हिंदू देवताओं का अपमान करने के कारण फिल्म निर्माता पा रंजीत के सहायक निर्देशक विधुथलाई सिगप्पी उर्फ विग्नेश्वरन के खिलाफ वह कड़ी कार्रवाई करें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर तीन पेज के बयान में लिखा, जब से डीएमके सरकार सत्ता में आई है, तब से भारतीय संविधान का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए धर्म और धार्मिक देवताओं का अपमान किया जा रहा है। भारत में रहने वाले सभी लोगों को यह अधिकार दिया गया है। धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार। लोगों के लिए पूजा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन संविधान के तहत किसी भी धर्म की मानहानि स्वीकार्य नहीं है। किसी को भी किसी विशेष धर्म का अपमान करने का अधिकार नहीं है। एक राय है, सरकार का कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि वह उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे।
ओपीएस ने कहा, विग्नेश्वरन उर्फ विदुथलाई सिगप्पी ने एक कार्यक्रम में रामायण महाकाव्य, राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जैसे हिंदू देवताओं का अपमान किया, जिनकी लोग पूजा करते हैं। यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और यह बेहद निंदनीय है। यह पूरी तरह से अरिगनार अन्ना के सिद्धांत के खिलाफ है। शहर की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। अन्नाद्रमुक किसी भी धर्म के लोगों के लिए इस तरह के अपमानजनक भाषण का कड़ा विरोध करती है। ऐसी गतिविधियां कानून-व्यवस्था, धार्मिक सद्भाव को कमजोर करती हैं और धार्मिक संघर्ष पैदा करती हैं।
ओपीएस ने मुख्यमंत्री स्टालिन से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और हिंदू देवताओं का अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी, यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
चेन्नई पुलिस ने मंगलवार को एक शिकायत पर विग्नेश्वरन के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि निर्देशक रंजीत के नीलम सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित वानम कला उत्सव में एक कविता का पाठ करते समय सहायक निर्देशक ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया था।
हालांकि, इस आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रंजीत ने कहा : सिगप्पी का भाषण मैला ढोने के कारण होने वाली मौतों के बारे में था। उन्होंने कहा कि क्या भगवानों को भी इसी तरह की परीक्षा से गुजरना पड़ता है? तो क्या ऐसी मौतों पर ध्यान दिया जाएगा? वंचितों की मौत पर सिस्टम अंधा हो जाता है। पुलिस फासीवादी समूहों के दबाव के आगे झुक गई है।
–आईएएनएस
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